पिछले दिनों एक निजी चैनल के स्टिंग में फंसे तीन मंत्रियों के निजी सचिवों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जेल सूत्रों के मुताबिक, तीनों निजी सचिवों को जेल में पहली रात नींद नहीं आई। उन्हें जेल के रूटीन के अनुसार शनिवार शाम को खाना दिया गया। रविवार सुबह जो बंदियों को नाश्ता दिया जाता है वो दिया गया। जेल में तीनों निजी सचिव रातभर करवटे बदलते रहे उन्हें नींद नहीं आयी।

एडीजी राजीव कृष्णा के मुताबिक, जांच में तीनों निजी सचिवों पर काम करवाने के एवज में घूस मांगने के आरोप सही पाए गए हैं। एसआईटी की जांच में सचिवालय की सुरक्षा व्यवस्था में चूक मिली है। एडीजी का कहना है कि जांच में इस बात पर फोकस किया जा रहा है कि स्टिंग में शमिल लोग किसी तरह निजी सचिवों के ऑफिस पहुंचे। वे लोग पास के जरिए सचिवालय के अंदर गए थे या किसी की सिफारिश पर इसके बारे में भी गहनता से जांच हो रही है। स्पाई कैमरा सचिवालय के अंदर कैसे गया, इस बारे में सुरक्षा-व्यवस्था में लगे लोगों से भी पूछताछ की जाएगी।

एडीजी ने बताया कि स्टिंग का वीडियो और ऑडियो लेकर फरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया। तीनों आरोपितों की प्रॉपर्टी और बैंक डिटेल की भी जांच की जा रही है। एक निजी चैनल ने 26 दिसंबर को पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप, खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव राम नरेश त्रिपाठी और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी का स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। निजी सचिवों ने काम करवाने के बदले रकम की मांग की थी। मामला सामने आने पर मुख्यमंत्री योगी ने तीनों आरोपितों को सस्पेंड कर दिया था।

आरोपितों के खिलाफ 28 दिसंबर को हजरतगंज कोतवाली में तीन अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज करवाई गईं थीं। सीएम ने एसआईटी गठित करके जल्द जांच पूरी करने का आदेश दिया था। एडीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि जांच के दौरान चैनल से वीडियो रिकार्डिंग व अन्य साक्ष्य एकत्र किए गए थे। जांच टीम को रकम के ट्रांजेक्शन समेत कई अन्य अहम साक्ष्य मिले। एसआईटी टीम ने तीनों आरोपितों को शनिवार तड़के गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

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