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सपा ने अनुशासनहीनता पर तीन वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को किया निष्कासित

2019 के लोकसभा चुनावों की समाजवादी पार्टी ने तैयारी करना शुरू कर दिया है। इसके लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों संग बैठक कर तैयारियां करना शुरू कर दिया है। उपचुनाव में मिली जीत से लबरेज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निष्क्रिय कार्यकर्ताओं पर कार्यवाई करना शुरू कर दिया है। इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़े कार्यवाई करते हुए पार्टी के 3 बड़े नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है।

इन नेताओं पर हुई कार्यवाई :

हापुड़ में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उप चुनाव में सपा प्रत्याशी के नामांकन पत्र वापस लेने के बाद से पार्टी में कलह शुरू हो गयी है। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में पार्टी के 3 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। सपा से निकाले गए कार्यकर्ताओं ने कुछ नेताओं पर पार्टी से बेईमानी और हाईकमान को गुमराह करने का आरोप लगाया है।

दिल्ली रोड स्थित सपा कार्यालय पर बुधवार को आयोजित बैठक में जिलाध्यक्ष सुबोध नागर ने पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष इकबाल कुरैशी, पूर्व कार्यकारिणी सदस्य अनिल आजाद और संजीव यादव को पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित करने की जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जारी किया गया निष्कासन पत्र भी इस दौरान जारी किया। उन्होंने कहा कि तीनों नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप था, जिसके चलते इन्हें पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है।

 

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लगे थे कई संगीन आरोप:

सपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस प्रशासन के दबाव में सपा प्रत्याशी ने अपना नामांकन पत्र करीब साढ़े 4 बजे वापस लिया था। हालाँकि नामांकन वापसी का समय 3 बजे तक होता है। पुलिस प्रशासन ने तेजपाल प्रमुख को झूठे मुकदमों में फंसाने का काम किया और उनकी पत्नी पर दबाव बनाया था। निष्कासित नेताओं ने उन पर और तेजपाल पर भाजपा प्रत्याशी से करोड़ों रुपये लेकर उसके पक्ष में नामांकन वापस लेने का आरोप लगाया था। इस घटना पर जिलाध्यक्ष सुबोध नागर, तेजपाल सहित कई कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले और पूरे प्रकरण से अवगत कराया। इसके बाद सपा ने फैसला लेते हुए तीनों नेताओं को निष्कासित कर दिया।

 

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