प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जिन गावों को सांसदों ने गोद लिया है उन गावों की हकीकत जानने के लिए uttarpradesh.org की टीम निकली हुई है. इन गावों में क्या-क्या मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और गांव को गोद लेने के बाद कितना विकास हुआ है. इसकी रियलिटी हम आप को गांव के रहने वाले लोगों से ही सुनवायेंगे. ताकि आप भी जान सकें कि गांव को गोद लेने की इन सांसदों ने घोषणा तो कर दी लेकिन गांव में रहने वाले लोग समस्याओं को लेकर कराह रहे हैं परंतु इनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

आदर्श ग्राम में बदहाली का आलम:

फ़ैजाबाद के तिन्दौली गाँव को भाजपा सांसद लल्लू सिंह ने गोद लिया है. जब खड़ंजे वाले रास्ते से आप गांव के अंदर प्रवेश करेंगे तो घुसते ही समस्याएं शुरू हो जाएंगी. हमारी टीम जब गांव में दाखिल हुई तो लोगों ने समस्याओं का अम्बार लगा दिया. गांव की गलियों में खड़ंजा तो पड़ा है लेकिन गंदगी से बजबजाती नालियों में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है.गरीब परिवारों को अपने घर के बाहर खुद ही नालियां साफ करनी पड़ती हैं और उनके मोहल्ले में सुविधाओं का टोटा है.


पानी टंकी का अभी भी हो रहा निर्माण:

  • ग्राम सभा के मोहल्लों में जल निकासी की कोई व्यवस्था ना होने से लोग परेशान हैं.
  • बच्चों को नहलाने, पीने और कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले पानी के बारे में काफी सोचकर बहाना पड़ता है.भले प्रदेश सरकार सफाई कर्मचारियों को वेतन में मोटी रकम दे रही हो लेकिन यह सफाईकर्मी गावों में जाते तो हैं.
  • लेकिन सफाई नहीं बल्कि अपना चेहरा दिखाने जाते हैं.
  • ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गांव में नालियों की सफाई उन्हें खुद ही करनी पड़ती है कोई आता नहीं है.
  • गांव में यह सफाई कर्मी केवल अपना चेहरा दिखाकर प्रधान की मदद से फर्जी उपस्तिथि दिखाकर सरकार से वेतन ले रहा है.
  • गांव वालों का कहना है कि भाजपा सांसद ने इस गांव को गोद तो ले लिया है लेकिन समस्याएं दूर होना दूर की कौड़ी नजर आ रही है.
  • ग्रामीण जल निकासी ना होने से अपने घरों में गड्ढ़े खोदकर उनमें पानी भरके फिर बाहर फेंकना पड़ता है.
  • घर के अंदर पानी भरने से कीड़े पड़ जाते हैं और बीमारियां पनपती हैं.
    अस्पताल के लिए ग्रामीणों को 7-8 किमी दूर जाना पड़ता है. 




 

शौचालय निर्माण कार्य तो हुआ लेकिन हालात बदतर:

  • ग्रामीणों के अनुसार करीब 200 शौचालयों का निर्माण होना था.
  • अभी कुछ बाकी है निर्माण लेकिन उसकी स्थिति दयनीय हो चली है.
  • सफाई के लिए ग्रामीणों को इंतजार ही करना पड़ता है.
  • सड़क के नाम पर खडंजा है जिसकी मरम्मत होनी है लेकिन कब होगी ये कहना मुश्किल है.
  • पानी के लिए टंकी तो बनाई जा रही है लेकिन जिस रफ़्तार से कार्य हो रहा है कुछ नहीं कहा जा सकता कब तक ये पूरा होगा.
  • वहीँ सांसद के गाँव के दौरे पर आने को लेकर भी आक्रोश नजर आता है. 
  • ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर आते हैं सांसद और वहीँ पर दो चार लोगों से मिलकर फिर निकल जाते हैं. 



 

बिजली की हालत में कोई सुधार नहीं:

  • बिजली की हालत में कोई खास सुधार नहीं जैसा की सरकार का दावा है.
  • पूनम बताती हैं कि जैसे बिजली पहले आती थी करीब वही हाल है बिजली का अभी भी.
  • पीने का साफ पानी मिले इसके लिए अभी पानी की टंकी के बनने का इंतजार करना पड़ेगा.
  • वहीँ आवास योजना को लेकर भी हैरान करने वाली बात सामने आई है. 



जिन्हें जरुरत नहीं, उनको दिया गया आवास:

  • ग्रामीण बताते हैं कि आवास योजना में भी जुगाड़ ही काम कर रहा है.
  • जिन्हें जरुरत नहीं वही लोग आवास योजना का लाभ ले रहे हैं.



 

सांसद लल्लू सिंह ने नहीं देखा,कैसा चल रहा कार्य:

  • ग्रामीणों का कहना है कि सांसद गाँव में करीब एक साल पहले आये थे.
  • उसके बाद उन्होंने कभी गाँव का हाल-चाल नहीं लिया.
  • उन्होंने ये नहीं देखा कि गाँव में कार्य कैसा चल रहा है या यहाँ के लोगों की समस्याएं सुनने भी कभी नहीं आये.
  • अधिकारियों की हालत भी कुछ वैसी ही है और वो भी खाना-पूर्ति करते दिखाई देते हैं.
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