जन समस्याओं के प्रति गम्भीर व सजग नही आज के जनप्रतिनिधि

जहाँ एक तरफ सरकार देश व समाज के विकास को लेकर तमाम सुविधाए व योजनाये लागु कर रही है ताकि एक विकासशील व अच्छे समाज व देश की परिकल्पना की जा सके| पर अफ़सोस उनके इन इरादों पर पानी फेरते नजर आ रहे है उनकी ही सरकार जन प्रतिनिधि| जिनके कन्धो  पर होती है क्षेत्र व समाज के विकास व व्यवस्थिक रखने की जिम्मेदारी| शिक्षा एवं समाजिक समानता के बगैर एक विकसित समाज की परिकल्पना नही की जा सकती| शिक्षा तो अब परिवार पर निर्भर करती है पर समाज  समानता में कही न कही पूरा रोल जन प्रतिनिधियों का है वे इस अपने दायित्व को निभा रहे है नही न|

कितने जन प्रतिनिधि आमजन को सुख-सुविधाओं मुहैया करा न्याय दिलाने की दिशा में कर  रहे कार्य

अब एक बड़ा सवाल कि खासकर क्या यूपी में कितने जन प्रतिनिधि यानी कि जनता प्रतिनिधि हैं, जो आमजन को सुख-सुविधाओं मुहैया करा न्याय दिलाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं? इसमें आपको जबाव 10% भी इस दिशा में कार्य न करते हुए नजर आयेंगे| वास्तव में देखा जाये आज के जन प्रतिनिधि जन प्रतिनिधि विशुद्ध रूप से व्यवसाई बन गए हैं।

  • वे आपके वोट की ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और आपको वोट की ताकत का अहसास ही नहीं है।
  • आप और आपके आश्रित इसका खामियाजा भोग रहे हैं, फिर भी आपकी आंखें नहीं खुल रही हैं।
  • अब ध्यान रहे आगे लोकसभा का 2019 में चुनाव है, जो उम्मीदवार तरह-तरह के वादे कर आपके वोट को ले गए थे।
  • फिर आपके द्बार पर आने वाले हैं वोट चाहने वाले जन प्रतिनिधि।
  • जो उन उनकी ही भांति आपसे वोट की चाहता रखते है वे आपके द्वार तक अवश्य उसी वोट को पाने की छह में आयेंगे|
  • उस समय अपना नहीं अपने समाज व देश के विकास के लिए उम्मीदवार से सवाल-जवाबकीजिए।
  • चुनाव प्रचार में पानी की तरह पैसा बहाने वाला उम्मीदवार आपका नहीं अपना विकास करता है।
  • विश्वास नहीं है, अपने क्षेत्र के एमपी,  एमएलए,  सरपंच,  प्रधान,  जिला प्रमुख, नगर पालिका/परिषद अध्यक्ष/सभापति को देख लीजिए।
  • उनकी चुनाव से पहले स्थिति क्या थी और अब क्या है?
क्यों ये दुनियाभर की गतिविधियों से है अनजान ?
  • निम्न व अल्प आय वर्ग के लोग न तो शिक्षित हैं और ना ही वे फेशबुक व व्हाट्सएप से जुड़े हैं.
  • ना ही टीवी न्यूज चैनल देखते हैं, न अखबार पढ़ते हैं.
  • जिसके चलते  वे दुनियाभर की गतिविधियों से अनजान रहते हैं.
  • रूलिंग पार्टियों के उम्मीदवार इसी कमजोरी का फायदा उटाते हैं.
  • चुनावों के दौरान वे निम्न व अल्प आय वर्ग के मतदाताओं को लुभाते है.
  • आटे के कट्टे,  दाल की थैली,  शराब के पव्वे व  नोट दिखाकर वोट हथियाने में कामयाब हो जाते हैं.
  • जीता हुआ उम्मीदवार कितने गैर कानूनी व नियम विरुद्ध कार्य करता है, आप कल्पना भी कर सकते हैं।
  • जरा सोचिए! आपका चुप रहना देश को ही नहीं आपको भी बर्बाद कर रहा है.
  • ज्यादा नहीं तो निम्न व अल्प आय वर्ग के मतदाताओं को बताईए कि उनके वोट की ताकत से जीता उम्मीदवार क्या करता है।
  • अपने वोट का हक चाहते हो तो निर्णय लीजिए कि वे पार्टी-पोलिटिक्स के चक्कर में नहीं पड़ेंगे।
  • ईमानदार, देश व समाज के प्रति समर्पित और सुख-दुख में साथ निभाने वाले ईमानदार उम्मीदवार को वोट देंगे.
  • चाहे वह निर्दलीय हो या किसी पार्टी का।
  • ध्यान रखिए, चुनाव में उम्मीदवार व सरकार की ओर से खर्च की जा रही राशिका बोझ आपके ही ऊपर पड़ता है।
  • भ्रष्ट उम्मीदवार को वोट देने से वे मतदाता बेवजह पिसते हैं
  • जो देश और समाज के विकास के लिए ईमानदार उम्मीदवार को वोट देते हैं।

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