देश की केंद्र सरकार लगातार सफाई जागरूकता के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू कर रही है, जिसके चलते देश के कई राज्यों के गाँव अब खुले में शौच-मुक्त हो चुके हैं, इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही प्रदेश के गाँवों को खुले में शौच मुक्त करने पर जोर दिया था, लेकिन योगी सरकार के मंत्रियों के लिए लाल फीताशाही से निकलना मुश्किल हो रहा है, एक ओर जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रदेश की जनता को सफाई और स्वच्छता जैसे विषयों पर जागरूक करते रहते हैं, वहीँ योगी सरकार के मंत्री सफाई के प्रति जागरूकता से दूर-दूर(शौचालय उद्घाटन) रहना ही पसंद करते हैं।

योगी सरकार के मंत्रियों के पास नहीं है शौचालय उद्घाटन का समय(शौचालय उद्घाटन):

प्रदेश की योगी सरकार अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही लगातार प्रदेश के गाँवों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए काम करने का दावा कर रही है, जिसे सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में समय से पूरा भी कर रही है, लेकिन योगी सरकार के मंत्री केंद्र और राज्य सरकार की स्वच्छता की इस पहल को गंभीर रूप से नहीं ले रहे हैं। योगी सरकार के मंत्रियों के पास सरकार द्वारा बनवाए गए शौचालयों के उद्घाटन के लिए समय ही नहीं है।

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राजधानी में ऐसा हाल अन्य जिलों की कहानी को बताता है(शौचालय उद्घाटन):

योगी सरकार के मंत्री अपनी ही सरकार के विकास कार्यों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, राजधानी लखनऊ में करीब 6 महीने पहले शौचालयों का निर्माण किया गया था, यह शौचालय निर्माण मंत्री आशुतोष टंडन की निधि से कराया गया था, इन शौचालयों को बने हुए 6 महीने से ऊपर का समय हो चुका है लेकिन, अभी तक इन शौचालयों का उद्घाटन नहीं हुआ है, गौरतलब है कि, इनका उद्घाटन मंत्री आशुतोष टंडन के हाथों से होना था। साथ ही साथ निर्माण कार्य की जानकारी के लिए लगाये गए शिलालेख पर 2017 का ही समय दर्ज है।

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