उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद सभी जिलों को खुले में शौच मुक्त करने का लक्ष्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद इसी साल गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर 2018 तक सभी जिलों को ODF घोषित करने का लक्ष्य तय हुआ. 

ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य:

सरकार ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए और काम शुरू भी हुआ. लेकिन काम की गति, अधिकारियों की काम के प्रति गंभीरता और शौचालय योजना में होने वाला भ्रष्टाचार भी दिन पर दिन उजागर होने लगा.वैसे अभी जल्द ही एक और गाँव ओडीएफ घोषित होने वाला है. हम बात कर रहे हैं, झाँसी जिले की जहाँ 17 सितंबर को मुख्यमंत्री का दौरा हैं.

सीएम योगी 17 सितंबर को झांसी दौरे पर :

झांसी के बड़ागांव ब्लॉक स्थित ग्राम केशवपुर में 17 सितम्बर को प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा प्रस्तावित है। जिसको लेकर जिले का सारा प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुटा हुआ है।
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बता दें कि सीएम योगी केशवपुर गांव को ओडीएफ घोषित करने के लिए आ रहे हैं. उनके आने की सूचना और गाँव को ओडीएफ घोषित करने की जानकारी के बाद UttarPradesh.Org की टीम केशवपुर गांव पहुंची और वहां की तैयारियों की हकीकत जाननी चाही तो नजारा कुछ अलग ही था.

गांव में अब तक नहीं बने शौचालय:

इस गाँव में अभी तक शौचालय निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। अभी तक काम जारी है. सीएम योगी के आगमन में एक हफ्ता भी नहीं बचा हैं. और जिस गांव को ओडीएफ घोषित करना है वहां निर्माण कार्य पूरा हुआ ही नहीं.
आलम ये हैं कि प्रशासन के साथ ग्रामीण खुद शौचालयों के लिए गड्ढा खोदने में लगे हैं.
जब UttarPradesh.Org की टीम ने ग्राम पंचायत सचिव गीता से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि गाँव मे लगभग 150 परिवार रहते है. जिनमें से 68 परिवारों के लिए शौचालय स्वीकृत हुए हैं. जो अभी निर्माणाधीन है।

बड़ा सवाल:

अब सवाल ये उठता है कि इतने समय से शौचालय निर्माण के लिए सरकार निर्देश दे रही है लेकिन अब जब समय करीब आ रहा है और सीएम योगी का गाँव को ओडीएफ घोषित करने का समय आया है तो अभी तक न तो गाँव में शौचालय बने हैं और न ही गाँव में अन्य कोई सुविधा. ऐसे में गाँव को ओडीएफ कैसे बनाया जायेगा.?
सवाल तो ये भी बनता है कि भले ही सीएम योगी एक आने से पहले गाँव में आनन फानन में रातों रात शौचालय बन भी जाये, लेकिन जल्दबाजी में बने इन शौचालयों की गुणवत्ता क्या सच में मानकों के अनुरूप होगी.

झाँसी से संवाददाता अभिषेक तिवारी व मदन यादव की रिपोर्ट 

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