दुधवा नेशनल पार्क में डीएम किंजल और कर्मचारियों के बीच चल रहा विवाद आखिरकार शांत हो गया है। गौरतलब है कि 27 जनवरी को दुधवा नेशनल पार्क के जिप्सी चालकों और गाइडों ने डीएम किंजल सिंह पर पार्क में घुसकर नियम तोड़ने, अभद्रता करने और कर्मचारियों का मानसिक शोषण करने का आरोप लगाया था।

Dudhwa National Park

15 नवम्बर को पार्क के नवीन सत्र शुरू होते पार्क के कर्मियों और डीएम किंजल के बीच विवाद होना चालू गया था। इसके बाद कमचारियों ने 30 नवम्बर को कार्य बहिष्कार कर दिया, जिसके चलते पार्क का पर्यटन ठप्प हो गया था। पर्यटन शुरू होने के कुछ दिन बाद 16 और 17 दिसम्बर को फिर से कर्मियों ने पर्यटन को ठप्प कर दिया। दोबारा मामला शांत होने के बाद पार्क के जिप्सी चालकों ने 27 जनवरी डीएम पर आरोप लगा कर हड़ताल शुरू कर दी और कार्रवाई की मांग करने लगे। कार्रवाई न होने कर्मचारियों ने 16 फरवरी को अपने राजकीय शस्त्र भी जमा कर दिए। तब से दुधवा नेशनल पार्क में पर्यटन को बंद कर दिया गया था। इस आन्दोलन को आज शुक्रवार को 37 दिन हो गए हैं। इससे राजस्व को लगभग 70 से 80 लाख रूपये का नुकसान हुआ है।

पार्क के कर्मियों और डीएम किंजल सिंह के बीच चल रहे विवाद को प्रमुख वन्य संरक्षक वन्य जीव डॉ. रूपक डे की उपस्थिति में ख़त्म कर दिया गया और आज वन्य विभाग द्वारा एक अधिसूचना जारी करके इस बात पुष्टि की गई।

Dudhwa National Park

पार्क को दोबारा सैलानियों के लिए खोल दिया गया है। आज दोपहर से पार्क में सैलानियों का आना शुरू हो चुका है।

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