अभी तक परिवहन विभाग के अधिकारी जिलों का दौरे के नाम पर सरकारी खजाने को लुटा रहे थे, लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। अब सरकारी खर्चे पर जो भी अधिकारी जनपदीय कार्यालयों का दौरा करने जाएंगे, वापस आने पर उन्हें संबंधित कार्यालय की प्रगति का ब्यौरा मुख्यालय  को सौंपना होगा। कार्यालय से जुड़ी समस्याओं का विभागीय मुखिया निराकरण करेंगे, वहीं क्षेत्रीय कार्यालयों में जनता को हो रही समस्याओं का निराकरण अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी।

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जारी किये दिशा-निर्देश

  • ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पी. गुरु प्रसाद ने अधिकारियों के सरकारी दौरों से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
  • अधिकारियों को इनका पालन करना ही होगा। हर दौरे पर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर स्वयं नजर रखेंगे।
  • इसका साफ सा मतलब है कि अब अधिकारी सरकारी खर्चे का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे।
  • सिर्फ कागजों पर ही दौरे का हिसाब किताब दर्ज नहीं होगा।
  •  बल्कि हकीकत में अधिकारियों को काम करना ही होगा।।
  • अधिकारियों को अब दफ्तरों से बाहर निकल प्रदेश के विभिन्न जिलों के आरटीओ कार्यालयों का दौरा करना होगा।
  • सरकारी खर्चे पर अधिकारी परिवहन विभाग के कार्यालयों में जाएंगे, कार्यालय में पूरा दिन बिताएंगे।

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  • जनता की शिकायतों को ध्यान से सुनेंगे और उनका समाधान भी करेंगे।
  • इतना ही नहीं कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारियों की समस्याओं को भी जानेंगे।
  • दौरा के बाद अधिकारी मुख्यालय पहुंचेंगे तो उन्हें अपना रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करना होगा।
  • अब तक अधिकारी प्रदेश के विभिन्न आरटीओ कार्यालयों का दौरा करने में महज खानापूरी करते थे।
  • घूम-टहलकर ऐसेे ही लौट आते थे। न जनता की समस्याओं को सुनते थे, न कर्मचारियों की।
  • ऐसे में समस्याओं के निराकरण का तो सवाल ही नहीं उठता।
  • अब अधिकारी सरकारी खर्चे पर कार्यालयों का दौरा तो करेंगे, लेकिन उन्हें इसका रिपोर्ट कार्ड सौंपना होगा।

अधिकारिओं को सख्त आदेश

  • किसी एक जनपद में जाने पर अधिकारी को कम से कम एक दिन एक कार्यालय को हरहाल में देना होगा।
  • सुबह से शाम तक जनता की समस्याओं को सुनेंगे और उनका समाधान भी करेंगे।
  • किसी तरह की तकनीकी समस्या आने पर उसे अपने पास नोट करेंगे और वापस आने पर अवगत कराएंगे।
  • जिसके बाद मु यालय से समस्या का समाधान निकाला जाएगा।
  • ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कि  दौरे से फायदा यह होगा कि जनता की समस्याओं का मौके पर ही समाधान हो सकेगा।
  • साथ ही अब तक जो समस्याएं सामने नहीं आ पाई हैं, वह भी चिन्हित हो जाएंगी।
  • उन्होंने बताया कि अधिकारियों के रिपोर्ट कार्ड सौंपने से किसी तरह की बहानेबाजी भी नहीं चल पाएगी।

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