उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चार महीना पहले न्याय की आस लेकर आई एक सामूहिक दुष्कर्म (गैंगरेप) पीड़िता ने न्याय ना मिलने के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास की चौखट पर आत्मदाह का प्रयास किया था। पुलिस ने उसे कार्रवाई का आश्वासन देकर उसे घर भेज दिया था लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके चलते महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। महिला के पति का आरोप है कि पुलिस ने दो बार फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया इससे उसकी पत्नी काफी आहत थी। इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन सकते में आ गया है। पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। घटना संज्ञान में आते ही गोंडा के पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह ने इस केस के दोनों विवेचक करनैलगंज कोतवाली के इंस्पेक्टर अजीत प्रताप सिंह और परमानंद तिवारी को निलंबित कर दिया। वहीं कोतवाल वेदप्रकाश श्रीवास्तव को लापरवाही बतरने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बलात्कार का वीडियो बनाकर धमकाकर लगातार रेप करते रहे आरोपी[/penci_blockquote]
जानकारी के अनुसार, मामला थाना कोतवाली करनैलगंज क्षेत्र के ग्राम फतेहपुर कोटहना का है। यहां की निवासी एक महिला ने 7 अगस्त 18 को कोतवाली करनैलगंज में गैंगरेप, धमकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसमें गया था कि उनके गांव के ही श्याम कुमार उर्फ बुधई और शंकर दयाल उर्फ बल्लू पुत्र गंगाराम दोनों भाइयों ने मिलकर तांत्रिक विद्या का जानकार बताते हुए उसके पति को एक दूसरी महिला के जाल में फंसा होने का बहाना बताया। इसके बाद इससे पीछा छुड़ाने के लिए तांत्रिक विद्या का इस्तेमाल करते हुए उसे ब्लैकमेल किया। आरोप है कि दोनों ने 7 फरवरी 2018 को उसके साथ बलात्कार किया। इसके बाद में बलात्कार का वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए उसके साथ जबरन बलात्कार करते रहे। उसे बदनाम करने की साजिश रचते रहे। इसके बाद पीड़िता ने अपने पति को सारी बात बताई। उसके बाद 7 अगस्त 18 को उसने कोतवाली में दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]न्याय न मिलने पर विधान सभा के सामने धरना देने के बाद किया था सीएम आवास पर आत्मदाह का प्रयास[/penci_blockquote]
इस मामले की विवेचना करनैलगंज कोतवाली के इंस्पेक्टर अजीत प्रताप सिंह द्वारा की जा रही थी। इसमें अजीत प्रताप सिंह का कहना है कि साक्ष्य के अभाव में मुकदमे की विवेचना कर उसमें फाइनल रिपोर्ट लगाई गई। पुलिस द्वारा फाइनल लगाने के बाद महिला ने कुछ दिन पूर्व लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया। इसके बाद अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए करनैलगंज पुलिस द्वारा लगाई गई फाइनल रिपोर्ट को दरकिनार कर इसकी विवेचना क्राइम ब्रांच द्वारा कराने के निर्देश दिए। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक लल्लन सिंह ने इसकी विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंपी। बताया जाता है कि क्राइम ब्रांच ने भी विवेचना कर मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दिया और मामले का पटाक्षेप हो गया। सोमवार को पीड़ित महिला ने अपने ही घर में ही छत में लगे हुक के सहारे फांसी के फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली। मृतका के पति का आरोप है कि पुलिस से उसे न्याय नहीं मिला, जिससे क्षुब्ध होकर महिला ने आत्महत्या कर ली है। मृतका ने न्याय ना मिलने से आहत होकर 15 सितंबर 2018 को विधान सभा के सामने धरना भी दिया था। एसपी ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।

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