लखनऊ. राजधानी के इन्दिरानगर स्थित शेखर अस्पताल में समय पर ऑक्सीजन तथा चिकित्सक न मिलने का खामियाजा दो मरीजों को अपनी जांन देकर चुकाना पड़ा है। अस्पताल प्रशासन पर पहले भी नियम और कानून को धता बताते हुए धन उगाही तथा इलाज में लापरवाही के आरोप लग चुके हैं। हलाकि मरीजों की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा काटा तो अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच। काफी देर चले हंगामे के बाद मामला शांत कराया जा सका।
डॉक्टर ने बताया किडनी में इंफेक्शन
- जानकारी के मुताबिक, बाराबंकी के टिकैतगंज निवासी आशीष यादव (28) अलीगंज के पुरनिया में रहते हैं उनको चार दिन पहले बुखार आया था।
- इसके बाद परिजनों ने स्थानीय चिकित्सक को दिखाया था।
- वहां जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुयी थी।
- इस पर परिजनों ने मरीज को शेखर अस्पताल में लाकर भर्ती कर दिया।
- परिजनों का कहना था कि रात तक आशीष की तबीयत ठीक थी, बुखार भी उतर चुका था।
- अस्पताल के डॉक्टर ने बताया था कि किडनी में इंफेक्शन है वो ठीक हो जायेगा।
मुंह से आने लगा था खून
- लेकिन गुरुवार सुबह अचानक मरीज के मुंह से खून आने लगा।
- परिजनों का आरोप है कि घंटे भर बुलाने के बाद डॉक्टर नहीं आये।
- सांस उखडऩे पर मौके पर मौजूद नर्स ने बताया कि अभी ऑक्सीजन नहीं है।
- उसके थोड़ी देर बाद मरीज की मौत हो गयी।
- परिजनों का यह भी आरोप था कि अस्पताल में नर्स आईसीयू में भर्ती मरीज से किसी को मिलने नहीं देती हैं।
नर्स ने कहा न डॉक्टर हैं न ऑक्सीजन
- इसके अलावा जनपद सुल्तानपुर निवासी श्रीकांत (32) की भी मौत गुरुवार सुबह शेखर अस्पताल में ऑक्सीजन न मिलने के चलते हो गयी।
- मृतक के परिजन योगेश मिश्रा ने बताया कि श्रीकांत की तबीयत रात तक पूरी तरह ठीक थी।
- सुबह अचानक मरीज ने उलझन तथा सांस लेने में दिक्कत बतायी।
- जिसके बाद इसकी सूचना नर्स को दी गयी।
- मौके पर नर्स ने मरीज को देखा और कहा कि अभी डॉक्टर नहीं हैं और ऑक्सीजन भी खत्म हो गयी है। जिसके बाद मरीज की मौत हो गयी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- इस सम्बन्ध में जब अस्पताल के डॉयरेक्टर एके सचान से मामले की जानकारी ली गई तो उन्होंने जानकारी होने से इंकार करते हुए कहा मैं वहां का काम नहीं देखता रिचा मिश्रा वहां का काम देखती हैं।
- जब डॉ. रिचा से बात की गई तो उन्होंने बताया मरीज को गंभीर हालत में लाया गया था।
- पहले चार दिन दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया वहां से हालत बिगड़ी तो पीजीआई में रेफर किया गया था वहां नर्सों की हड़ताल होने के चलते हमारे यहां भर्ती कराया गया।
- मरीज की हालत बहुत गंभीर थी उसे आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा जा रहा था लेकिन परिजनों ने वेंटिलेटर पर रखने से मना कर दिया।
- नतीजन मरीज की मौत हो गई।
- डॉ. रिचा ने बताया हॉस्पिटल में वर्तमान समय में 12 मरीजों को ऑक्सीजन लगी है अगर ऑक्सीजन न होती तो वह भी जिन्दा नहीं होते।
- परिजनों के सारे आरोप झूठे और निराधार हैं।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.