आरटीआई से यह बात सामने आयी है कि तत्कालीन प्रमुख सचिव नियुक्ति राजीव कुमार ने अपने अधीनस्थों के मंतव्य को पलटते हुए सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा अमर सिंह और आईएएस अफसर दीपक सिंघल (Deepak Singhal tapes) के बीच हुए तीन कथित फोन टेप की जांच कराये जाने की शिकायत बंद करने के आदेश दिए थे।

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  • नूतन ने सिंघल और अमर सिंह के बीच शुगर डील, गैस डील, एसईजेड के टेंडर डॉक्यूमेंट, भूमि आवंटन में मनमाफिक बदलाव, आईएएस संजीव शरण के साथ नॉएडा और ग्रेटर नॉएडा में हिस्सेदारी, तत्कालीन मुख्य सचिव पर बाहरी दवाब डलवाने और सिंघल द्वारा आरडीए वाले देवेंदर कुमार को 96.5 लाख रुपये पहुँचाने जैसी बातों के टेप की जाँच की मांग की थी।

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  • इस पर कार्मिक विभाग के अफसरों ने किसी वरिष्ठ अधिकारी से जाँच कराने का प्रस्ताव भेजा था।
  • जिसपर राजीव कुमार ने वार्ता के आदेश दिए।
  • वार्ता होते ही अधीनस्थ अफसरों ने अपना प्रस्ताव बदल कर प्रकरण को निक्षेपित करने का प्रस्ताव भेजा जिसे श्री कुमार ने स्वीकार कर लिया।
  • नूतन ने इसे आईएएस अफसरों (Deepak Singhal tapes) द्वारा एक-दूसरे को बचाने का एक और उदहारण बताया।

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