उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने जनपद बलिया की रसड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक उमा शंकर सिंह की सदस्यता समाप्ति का आदेश दिया है. बता दें कि चुनाव आयोग से उमा शंकर सिंह की राज्य विधानसभा की सदस्यता के संबंध में 10 जनवरी, 2017 को प्राप्त अभिमत के आधार पर राज्यपाल ने उमा शंकर सिंह की सदस्यता रद्द की है. सदस्यता रद्द कने के लिए राज्यपाल ने ‘‘भारत का संविधान’’ के अनुच्छेद 192(1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये श्री उमा शंकर सिंह का विधायक निर्वाचित होने की तिथि 6 मार्च, 2012 से विधान सभा की सदस्यता समाप्ति का निर्णय पारित किया है.

जांच में दोषी पाए गए थे उमाशंकर सिंह

  • राज्यपाल नाम नाईक ने विधायक उमा शंकर सिंह की सदस्यता समाप्ति का आदेश दिया है.
  • बता दें की एडवोकेट सुभाष चन्द्र सिंह  ने 18 दिसम्बर 2013 को शपथ पत्र देकर उमा शंकर सिंह के विरूद्ध उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त अधिनियम, 1975 के अंतर्गत शिकायत करते हुये आरोप लगाया था.
  • शिकायत में सिंह ने कहा था कि विधायक निर्वाचित होने के बाद भी वे सरकारी ठेके लेकर सड़क निर्माण का कार्य करते आ रहे थे.
  • जिसके बाद प्रदेश के तत्कालीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन0के0 मेहरोत्रा ने प्राप्त शिकायत की जांच में सरकारी कॉन्ट्रैक्ट लेने के आरोप में विधायक श्री उमा शंकर सिंह को दोषी पाया था.
  •   न्यायमूर्ति एन0के0 मेहरोत्रा ने इन सन्दर्भ में 18 फरवरी 2014 को अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रेषित की थी.
  • मुख्यमंत्री ने सम्बंधित कानून के तहत 19 मार्च, 2014 को भारत निर्वाचन आयोग के परामर्श हेतु राज्यपाल को संदर्भित किया गया.
  • जिसके बाद उमा शंकर सिंह ने राज्यपाल राम नाईक के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिये समय दिये जाने का अनुरोध किया था.
  • लेकिन आरोपों को सही पाते हुये राज्यपाल ने 29 जनवरी, 2015 को श्री उमा शंकर सिंह को विधायक निर्वाचित होने की तिथि 6 मार्च, 2012 से विधान सभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था.
  • हालांकि इस बीच उमा शंकर ने राज्यपाल के निर्णय के विरूद्ध उच्च न्यायालय इलाहाबाद में वाद दायर किया था.
  • जिसके बाद उच्च न्यायालय ने कहा था कि चुनाव आयोग प्रकरण में स्वयं शीघ्रता से जांच कर निर्णय से राज्यपाल को अवगत कराये और उसके पश्चात् राज्यपाल प्रकरण में संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत अपना निर्णय लें.
  • चुनाव आयोग ने अपनी जांच में उमा शंकर सिंह को दोषी पाया .
  • जिसके बाद आज चुनाव आयोग से प्राप्त अभिमत के आधार पर राज्यपाल ने उमा शंकर सिंह की सदस्यता रद्द की है.
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