उत्तर प्रदेश यमुना प्राधिकरण बीते कई सालों से भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है, 19 मार्च को प्रदेश में आई योगी सरकार अब तक कई प्राधिकरणों को कच्चा-चिट्ठा निकलवा चुकी है। इसी क्रम में यमुना प्राधिकरण ने भी आंतरिक कार्रवाई(underground cable scam) शुरू कर दी है। जिसके तहत प्राधिकरण ने अपने भ्रष्ट अफसरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

सपा-बसपा के अफसरों पर यमुना प्राधिकरण ने कसा शिकंजा(underground cable scam):

  • उत्तर प्रदेश यमुना विकास प्राधिकरण बीते कई सालों से भ्रष्टाचार का पर्याय बना हुआ है।
  • जिसके बाद यमुना प्राधिकरण ने भ्रष्टाचार के मामलों में अपनी आंतरिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
  • इसी क्रम में प्राधिकरण ने 10 साल पहले पड़ी अंडरग्राउंड केबल की जांच के आदेश दिए हैं।
  • जांच के यह आदेश यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन ने प्राधिकरण के सीईओ को दिए हैं।
  • आदेश के बाद यमुना प्राधिकरण ने सपा-बसपा के अफसरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

100 रुपये की केबल के लगाये गए 3 गुना दाम(underground cable scam):

  • प्रदेश में यमुना प्राधिकरण अपने कामों से ज्यादा अपने भ्रष्ट अधिकारियोंन के लिए जाना जाता है।
  • जिसके तहत यमुना प्राधिकरण ने 10 साल पहले हुए अंडरग्राउंड केबल के काम के जांच के आदेश दे दिए हैं।
  • जिसके बाद से प्राधिकरण ने बसपा और सपा के समय के अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
  • गौरतलब है कि, उस दौरान भ्रष्ट अधिकारियों ने 100 रुपये की कीमत की केबल को तीन गुना दामों पर बेचा था।

लाखों मीटर की केबल पर यमुना प्राधिकरण में हुई जमकर लूट(underground cable scam):

  • यमुना प्राधिकरण में 100 रुपये मीटर की केबल को तीन गुना दामों में बेचा गया था।
  • जिसके बाद प्राधिकरण में मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
  • यमुना प्राधिकरण में लाखों मीटर की केबल पर जमकर लूट हुई।
  • इस दौरान बड़े से लेकर छोटे अधिकारियों तक ने इस लूट में अपनी भागीदारी दर्ज करायी।
  • गौरतलब है कि, यादव सिंह ने भी यमुना प्राधिकरण में अंडरग्राउंड केबल का काम किया था।
  • जिसके तहत कौड़ियों के दाम के केबल का करोड़ों में भुगतान हुआ था।

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