उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी महामारी का रूप लेती जा रही है जिसकी भेंट चढ़ रहे हैं लोगों के सपने। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की नगर निगम द्वारा निकाली गई सफाई कर्मचारी की वैकैंसी के लिए भी लाखो लोगो ने आवेदन किया है। बता दें की नगर निगम में पद सिर्फ 3142 ही है जिनके लिए लगभग 5 लाख लोगो ने आवेदन किया है। लेकिन गौर करने की बात ये है कि फॉर्म में ये नही लिखा था की योग्यता कितनी और कहा तक होनी चाहिए जिसके चलते पीएचडी तक योग्यता रखने वाले व्यक्तियों ने भी नौकरी के लिए आवेदन किया है ।

पीएचडी योग्यता रखने वालों ने साफ़ की नालियां

  • उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है।
  • बता दें कि नगर निगम द्वारा निकाली गई सफाई कर्मचारी की वैकैंसी के लिए भी लाखो लोगो ने आवेदन किया है।
  •  नगर निगम में सफाई कर्चारियों के लोए सिर्फ 3142 ही पद हैं।
  • लेकिन इसके लिए लगभग 5 लाख लोगो ने आवेदन किया है।
  • जिसमे से बहुत से लोग पीएचडी तक योग्यता रखने वाले हैं।
  • इस नौकरी के लिए आज निगम की तरफ से इंटरव्यू रखा गया।
  • जिसमे सभी को सफाई करके अपने आप को सिद्ध करना था।
  • हजरतगंज क्षेत्र में चयन किये गए गए महिलाओ और पुरुषों को सफाई पर लगाया गया।
  • इंटरव्यू पर आये सभी ने आज सुबह से लेकर दोपहर  तक अपने कार्य का जमकर परीक्षण दिया।
  • इन सभी चयनकर्ता में कुछ ऐसे लोग भी है जो की स्नातक है और कुछ परास्नातक है।
  • फिर भी सफाई कर्मी की भर्ती में खरे उतरने के लिए अपनी डिग्री को दरकिनार कर नालियो को साफ़ करने में लगे रहे।
  • ये बड़ी ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है की इतनी मेहनत से पढाई करने के बावजूद नौकरी की कमी के चलते आज इन्हें सड़क की गांदगी उठानी पढ़ रही है।
  • लेकिन इस बात के साथ एक बड़ा सवाल ये भी उठा है की नगर निगम द्वारा निकाली गई भर्तियों में योग्यता कितनी होनी चाहिए
  • इस बात का ज़िक्र क्यों नही किया गया।
  • जिसके चलते ज्यादा योग्यता वाले लोगो से आज कूड़ा साफ़ कराया जा रहा है।

विडियो में देखिये कैसे पीएचडी होल्डर ने साफ की नालियां

https://www.youtube.com/watch?v=VAZfu_ap4nc&feature=youtu.be

 

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