• उत्तरप्रदेश के झाँसी जिले में बनता है एक अनोखा ताजिया।
  • यह ताजिया झाँसी की महारानी लक्ष्मीबाई के समय से बनाया जा रहा है।
  • इस ताजिया को बनाने वाले परिवार के लोगों का कहना है, कि मेरे दादा, पर-दादा इस राई का ताजिया बनाते चले आ रहे है।
  • ताजिया बनाने वाले परिवार का कहना है, कि इस ताजिया को बनाने में तीस हजार से चालीस हजार की लागत आती है ।
  • उन्होंने बताया कि राई का ताजिया बनाने से पहले लकड़ी का ढांचा बनाया जाता है।
  • इसके ऊपर कपड़ा लपेटा जाता है , कपड़े के ऊपर रुई बिछाई जाती है, इसके बाद सरसो राई डाली जाती है।
  • हर रोज सुबह शाम हल्का पानी का छिड़काव करते है।
  • एक हप्ते के अंदर राई के पत्ते हरे दिखने लगते है।
  • इसलिए इस ताजियों को राई का ताजिया के नाम से जाना जाता है ।
  • इसे देखने के लिए लोग झाँसी के अलावा अन्य शहरों से आते है और मन्नत मांगते है।
  • परिवार के बुजुर्ग का कहना है, कि जो ताजिया बनाता उसकी मौत के बाद उसको इसी इमाम बाड़े में दफनाया जाता था।
  • आज भी इस इमाम बाड़े में 6 कब्र बनी हुई हैं। 

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