देश में निर्धनों की अभी तक खाने पकाने की गैस (एलपीजी) तक सीमित पहुंच रही है। एलपीजी सिलेंडर की पहुंच मुख्य रूप से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक है और इनमें से भी औसतन परिवार मध्यम और समृद्ध वर्ग के हैं। जीवाश्म ईंधन पर आधारित खाना बनाने से स्वास्थ्य से जुडी गंभीर समस्याएं देखी गयी हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने बीपीएल परिवारों की गरीब महिलाओं को निशुल्क एलपीजी कनेक्शन देने के लिए उज्वला योजना की शुरूआत की।

  • प्रधानमंत्री की इस महत्वकांक्षी योजना में कई खामियां उजागर हो रहीं हैं।
  • ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले का है, जहां, इस योजना के तहत जमकर धन उगाही की जा रही है।
  • जिले में सभी गैस एजेंसियों से कनेक्शन देने के नाम पर गरीबो से धन वसूली की जा रही है।
  • यहां एक गरीब परिवारों से खेतासराय के जय माँ अम्बे इण्डेन गैस एजेंसी पर गैस कनेक्शन के लिए वसूली की जा रही है।
  • गरीब परिवारों को मुफ़्त में गैस कनेक्शन वितरण करने के नाम पर 18 सौ रूपये तक की वसूली की जा रही है।
  • गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों से उक्त योजना के तहत जमकर धन उगाही की जा रही है।
  • निःशुल्क के बजाए उनको 18 सौ रुपया नगद लेकर कनेक्शन दिया जा रहा है।

भारी पड़ रही है एजेंसी संचालकों की मनमानीः

  • भारत सरकार की तरफ से अन्त्योदय ग्रामोदय राष्ट्रोदय तथा उज्ज्वला योजना के तहत अंतर्गत निःशुल्क गैस कनेक्शन वितरण होना था।
  • लेकिन एजेंसी पर इसका विपरीत देखने को मिल रहा है।
  • बी पीएल की सूची में नाम दर्ज होने के बाद भी उपभोक्ताओं को महीनो एजेंसी का चक्कर काटना पड़ता है।
  • सरकार गरीब परिवारों के रसोई का चूल्हा जलाने में मदद कर रही है।
  • वही एजेंसी संचालक नियम कानून को धता बताते हुए शाख में बट्टा लगाने पर तुले है।
  • बड़ी बात यह है कि इस मामले की शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से की गई।
  • समस्या को कोई हल नहीं निकल सका है, और ना ही कोई जिम्मेदार गरीबों की मदद को आगे आया है।
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