उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बुधवार 12 जुलाई को अति विस्फोटक पदार्थ PETN की करीब 150 ग्राम मात्रा बरामद हुई थी, जिसके बाद शुक्रवार को सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने मामले की जांच NIA को सौंप दी थी, NIA के साथ ही यूपी ATS भी मामले की पड़ताल में लगी हुई है। इसी क्रम में NIA की टीम(UP assembly) शनिवार 15 जुलाई को राजधानी लखनऊ स्थित विधानसभा में जांच के लिए पहुंची है।

काम ही नहीं करते हैं विधानसभा कॉरिडोर के CCTV(UP assembly):

  • यूपी विधानसभा में मिले विस्फोटक पदार्थ की जांच शुक्रवार को NIA को सौंपी गयी थी।
  • जिसके बाद शनिवार को NIA की टीम विधानसभा पहुंची थी।
  • इस दौरान NIA के साथ UP ATS की टीम भी मौजूद रही।
  • NIA ने सबसे पहले विधानसभा कॉरिडोर के CCTV की फुटेज चेक किया।
  • लेकिन विधानसभा कॉरिडोर के कई CCTV काम ही नही कर रहे हैं।
  • जिसके बाद NIA के लिए ये पता लगाना की पैकेट किसने रखा ये एक टेढ़ी खीर होगी।
  • विधानसभा के सेंट्रल हॉल में 6 CCTV और एक DVR है।
  • वहीँ 6 कैमरों में से सिर्फ एक में सत्र के दौरान भाषण देते समय रिकॉर्डिंग की जाती है।
  • इसके साथ ही सेंट्रल हॉल के बाकी हिस्सों की किसी भी हरकत की रिकॉर्डिंग नहीं की जाती है।

विधानसभा की सुरक्षा इन 12 निर्देशों के आधार पर(UP assembly):

  • विधानभवन गेट पर सुरक्षा और कड़ी की जाएगी।
  • ATS को औपचारिक रूप से अनुमति दी गई है।
  • विधानसभा के सभी गेटों पर पीएसी की QRT ड्यूटी लगेगी
  • बैगेज का स्कैनर लगाया जाएगा।
  • विधायकों के केवल एक ही पास होंगे।
  • विधायकों को केवल एक गाड़ी की पार्किंग होगी।
  • विधान सभा में एटीएस को प्रवेश दिया जाएगा।
  • सदन के हर कर्मी का वेरिफिकेशन होगा।
  • पुरानी गाड़ियों के पास रद्द होंगे।
  • 6 संवेदनशील स्थानों पर होल बॉडी स्कैनर लगाया जायेगा।
  • पुलिस और विधानसभा की आंतरिक सुरक्षा के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जायेगा।
  • विधायकों के साथ उसी व्यक्ति को प्रवेश मिलेगा जिसका पास बना होगा।

आईबी ने NSA को सौंपी असेंबली की रिपोर्ट(UP assembly):

  • यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद NSA ने आईबी को तलब किया था।
  • जिसके बाद आईबी ने मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
  • IB की रिपोर्ट में विधानसभा के मार्शल, स्टाफ और विधायकों पर शक की बात कही गयी है।

बिना मिलीभगत के साथ नहीं जा सकता विस्फोटक(UP assembly):

  • विधानसभा में PETN मिलने के मामले की रिपोर्ट IB ने NSA को सौंप दी है।
  • रिपोर्ट में किसी अंदरूनी व्यक्ति के आतंकियों के साथ मिले होने की सम्भावना जताई जा रही है।
  • IB के अनुसार, बिना किसी मिलीभगत के विस्फोटक को अन्दर नहीं पहुँचाया जा सकता है।
  • साथ ही रिपोर्ट में आतंकवादी संगठन से भी मिलीभगत होने का शक किया था।

आईबी ने जताई रिपोर्ट में अपनी आशंका(UP assembly):

  • विधानसभा में विस्फोटक मामले में IB अपनी NSA को सौंप चुकी है।
  • रिपोर्ट में आईबी ने दो आशंकाएं जताई हैं।
  • आईबी के अनुसार, यह कोशिश सरकार को बदनाम करने की हो सकती है।
  • साथ ही आईबी यह भी मानती है कि, यह विस्फोट से पहले का ट्रायल भी हो सकता है।

कैसे पहुंचा होगा विस्फोटक(UP assembly):

  • विधानसभा के गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
  • मेटल डिटेक्टर के साथ सुरक्षाकर्मी खड़े रहते हैं।
  • लेकिन हैरानी की बात ये है कि मल्टी लेयर सुरक्षा घेरे को तोड़कर कोई विस्फोटक लेकर कैसे पहुँच गया?
  • वहीँ इस पूरे घटनाक्रम में साजिश से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
  • इस प्रकार की वारदात के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
  • विस्फोटक नीले रंग के पॉलीथीन में रखा गया था।
  • जब राजधानी स्थित विधानसभा सुरक्षित नहीं है तो पूरे प्रदेश में सुरक्षा के प्रबंध कैसे होंगे?
  • ATS को इस मामले में जाँच के आदेश दिए गए हैं।
  • 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके में PETN का इस्तेमाल किया गया था।
  • ये एक गंधहीन पदार्थ होता है और इसको X-रे मशीन भी नहीं पकड़ पाती है।
  • ये छोटी से छोटी मात्रा में बढ़ा धमाका कर सकता है।
  • वहीँ ये भी बात सामने आई है कि सदन के भीतर जाने वालों की तलाशी नहीं होती है।
  • ऐसे में सुरक्षा में हुई इस चूक की जवाबदेही किसकी होगी?

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