बात उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के 10वीं के पास करने वाले एक छात्र की है। उसके पास मेहनत करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। अजय कुमार नाम का ये छात्र खुद को मजबूर नहीं समझता था और उसे यकीन था कि उसकी मेहनत रंग जरूर लाएगी।

दोनों हाथ ना होने के बावजूद अजय ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत के बुते यूपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में 71.8% अंक प्राप्त करके अपने पैरों और अपने दृढ इच्छाशक्ति का लोहा मनवाया। अजय की माँ मीरा देवी और पिता दयाराम उसके जन्म के बाद परेशान थे लेकिन उसने धीरे-धीरे खुद को साबित करते हुए इन सब बातों से बेपरवाह अपनी ‘दिव्यंगता ‘को किसी की मदद का मोहताज नहीं होने दिया। 

मैनपुरी के बोगांव ग्राम का रहने वाला अजय अपने पैरों की उँगलियों में पेन्सिल या पेन दबाकर लिखता है जबकि सामान्य आदमी अपने हाथों से लिखते हैं। ऐसी हालत में उसने कभी ये खुद को महसूस नहीं होने दिया कि उसके दोनों हाथ नहीं है। अजय का सपना इंजीनियर बनने का है।

एसआर इंटरमीडिएट कॉलेज में पढ़ने वाले अजय ने 600 में से 431 अंक प्राप्त किये। अजय ने कहा कि और भी ज्यादा मेहनत करके वो अगली परीक्षा में 80% अंक लाएगा। उसने बताया कि पढ़ने में उसका मन बहुत लगता है।

अजय ने बताया कि उसकी मेहनत देखकर कुछ लोग उसका उत्साह बढ़ाते थे लेकिन कुछ लोग मजाक भी उड़ाते रहते थे। लेकिन उसने इन बातों की कभी परवाह नहीं की। क्षेत्र में अजय की मेहनत और लगन के चर्चे हो रहे हैं।

बता दें कि आम इंसान वो सारे काम झो हाथों से करता है अजय वही काम अपने पैरों की मदद से करता है।

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