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अखिलेश सरकार के बजट से योगी सरकार के बजट में फर्क देखें

UP Budget Comparison in Yogi Adityanath Government and Akhilesh Yadav Govt

UP Budget Comparison in Yogi Adityanath Government and Akhilesh Yadav Govt

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने आज अपना तीसरा बजट विधानमंडल में गुरुवार सुबह 11 बजे पेश किया।गुरुवार को वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने 4.79 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया। ये बजट पिछले बजट का 12 प्रतिशत अधिक है। बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख की नई योजनाएं सम्मिलित की गई हैं। 2016 के अखिलेश सरकार के बजट की तुलना अगर इस बार की योगी सरकार के बजट से करें तो दोनों में एक बड़ा अंतर दिखाई देता है।

अखिलेश सरकार का 2016 का बजट 3.46 लाख करोड़ का था, जब कि योगी सरकार का इस बार का बजट 4.79 लाख करोड़ का है। जो कि करीब 1.33 लाख करोड़ रुपए अधिक है। ये अखिलेश सरकार के बजट से लगभग 38 प्रतिशत ज्यादा है। अखिलेश सरकार ने 2016 में जहां राहत कार्यों के लिए राज्य आपदा मोचन निधि में 709 करोड़ की व्यवस्था की थी। वहीं योगी सरकार ने 1820 करोड़ की व्यवस्था की है।

अखिलेश सरकार ने 2016-17 में गौशालाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए मात्र 5 करोड़ की व्यवस्था की थी, जब कि योगी सरकार ने इस बार शहरी क्षेत्रों में कान्हा गौशाला और बेसहारा पशु आश्रय योजना के अंतर्गत 200 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 247.60 करोड़ की व्यवस्था की है। साथ ही मदिरा बिक्री से प्राप्त होने वाले 165 करोड़ के राजस्व से गोवंश का भरण पोषण किया जाएगा।

प्रदेश के गांव में बसने वाले लोगों को शुद्ध और साफ पेयजल मिल सके इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए अखिलेश सरकार ने 2300 करोड़ दिए थे, जबकि इस बार योगी सरकार ने लगभग 30 प्रतिशत अधिक 2954 करोड़ रुपए की व्यवस्था कर रही है।

वहीं बुनकरों के लिए अखिलेश सरकार ने 2016-17 में पॉवरलूम विकास योजना के लिए 15 करोड़ की बजट व्यवस्था की थी, और रियायती दर पर बिजली के लिए कुल 7 करोड़ की व्यवस्था की थी जबकि योगी सरकार ने पॉवरलूम बुनकरों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 150 करोड़ और उत्तर प्रदेश हैंडलूम पावरलूम सिल्क टेक्सटाइल और गारमेंटिंग पॉलिसी 2017 हेतु 50 करोड़ उपलब्ध कराए हैं।

15 करोड़ का बजट अखिलेश की सरकार ने पॉवरलूम विकास योजना के लिए दिया था, जबकि इस बार योगी सरकार ने प्रदेश के परंपरागत कारीगरों, बढई दर्ज़ी टोकरी बुनकर सुनार लोहार कुम्हार, हलवाई,नाई, मोची, मिस्त्री और राजमिस्त्रियों के उत्थान के लिए विश्वरकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू की और उसका बजट दुगना 30 करोड़ रखा है।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 बजट पेश किया। आज प्रस्तुत बजट का आकार चार लाख, 79 हजार 701 करोड़, दस लाख रुपया(4,79,701.10 करोड़) का है। यह पिछले वर्ष 2018-2019 के बजट के सापेक्ष 12 प्रतिशत अधिक है। इस बार के बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये (21,212.95 करोड़ रुपया) की नई योजनाएं सम्मिलित हैं।

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