उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक आज राजधानी लखनऊ के आशियाना परिवार द्वारा आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन में शामिल हुए. सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा परम्पराएं अलग हो सकती हैं लेकिन सबका सार एक है. उन्होंने कहा कि लोग आमतौर पर धर्म का अर्थ हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई समझते हैं जबकि अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म है.
देश पर संकट के समय सभी धर्मों के लोगों ने मिलक लड़ाईयां लड़ी
- सर्वधर्म सम्मेलन में राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि देश के संविधान के अनुसार सभी धर्मों को मानने वाले लोग समान हैं.
- उन्होंने कहा जब भी देश पर कोई संकट आया है सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर बिना धर्म के भेदभाव के लड़ाई लड़ी है.
- फिर चाहे वह झांसी की रानी हों, तात्याटोपे या बहादुर शाह जफर हों.
- देश में अनेक धर्म, खानपान, वेशभूषा, भाषा होने के बावजूद राष्ट्र के नाम पर सब एक हैं.
- भी धर्मों और विचारों के लोगों का एक साथ आने से आपसी सौहार्द का रिश्ता बनता है.
- उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का लक्ष्य एक है, रास्ते भले ही अलग-अलग हों.
- आगामी चुनाव में होने वाले मतदान को लेकर राज्यपाल ने कहा प्रदेश विधानसभा का चुनाव वास्तव में जनतंत्र का महाकुंभ है.
- संविधान ने आप को मतदान का अधिकार दिया है इसलिये मतदान करके अपने दायित्व का निर्वाहन करें.
अपने-अपने धर्मों को मानते हुए देश को गुलदस्ता बनाये: फरंगी महली
- आशियाना परिवार द्वारा आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन में शामिल मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आशियाना परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से सभी धर्मों के बीच एकता का पैगाम पूरे मुल्क में जायेगा.
- उन्होंने कहा सभी धर्मों का पैगाम प्यार, मोहब्बत और इंसानियत है.
- इस लिए अपने-अपने धर्मों को मानते हुए देश को गुलदस्ता बनाये.
- उन्होंने कहा कि इस पैगाम को घर-घर पहुंचाये ताकि दिलों की दूरियां कम हों.