उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला जातीय हिंसा की आग में झुलस उठा था. योगी सरकार के लिए इस हिंसा को रोकना कड़ी चुनौती साबित हो रहा था. जिस प्रकार सरकार बनने के महीने बाद ही सहारनपुर में हिंसा ने पांव पसारा, ये आसान नहीं था. योगी सरकार शुरुआती दौर में ही हिंसा पर काबू पाने में विफल रही थी.

सीएम योगी ने कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए डीएम, एसएसपी, DIG और कमिश्नर को हटा दिया था. हालाँकि पूरे मामले में विपक्षी दलों ने हिंसा की आड़ में राजनीतिक रोटियां भी खूब सेंकी. बसपा सुप्रीमो मायावती हिंसाग्रस्त शब्बीरपुर इलाके में पहुँच गई. उसी दिन दो हत्याओं ने फिर से इस हिंसा को बढ़ा दिया. इसके बाद ही राहुल गाँधी भी वहां पहुँच गए थे.

भीम आर्मी चीफ को बताया गया मुख्य साजिशकर्ता:

  • पूरे मामले पर गृहमंत्रालय ने यूपी सरकार से रिपोर्ट देने के लिए कहा था.
  • यूपी सरकार ने अपनी रिपोर्ट मिनिस्ट्री को सौंप दी है.
  • भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को इस हिंसा के लिए कसूरवार माना गया है.
  • मुख्य साजिशकर्ता के रूप में रावण की गिरफ़्तारी के साथ उसे जेल भेज दिया गया.
  • यूपी सरकार ने अपनी रिपोर्ट में रावण को मुख्य साजिशकर्ता बताया है.
  • इसके अलावा आला पुलिस अधिकारियों की लापरवाही का भी जिक्र किया गया है.
  • 20 अप्रैल से 23 मई तक 4 बार हिंसा भड़कने पर रिपोर्ट सौंपी गई है.
  • इसमें जिले के दो नेताओं के शामिल होने का भी जिक्र किया गया है.
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