उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े बड़े बयान क्यों ने दे रही हो लेकिन जमीनी हकीकत तो ये हैं की प्रदेश में महिलायें यहाँ तक की बच्चियां भी सुरक्षित नही हैं. हालत यहाँ तक बदतर हो चले हैं महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा में तत्पर कही जाने वाली यूपी पुलिस के के घर की बेटियाँ भी सुरक्षित नही हैं. ताज़ा मामला यूपी के कानपुर का है जहाँ एक पुलिस कांस्टेबल की बेटी बीते 23 दिनों से गायब है. लेकिन इसके बवाजूब भी पुलिस विभाग बेदर्द बना हुआ है.

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महकमे की कटपुतली बना हुआ है पीड़ित सिपाही-

  • यूपी में सरकार बनने के बाद पहली प्राथमिकता थी की महिलाओं और बेटियो को सुरक्षा मिले .
  • लेकिन लचर कानून व्यवस्था के आगे ये सभी वादे अब खोखले साबित होते नजर आ रहे है.
  • वैसे तो आपने सूना और देखा होगा की महिलाओ और बेटियो के मामले में पुलिस अपनी लापरवाह रवैये के लिए जानी जाती है.
  • लेकिन अब हालत ये हो गयी की पुलिस को अपने ही विभाग के एक कांस्टेबल का दर्द नही दिख रहा.
  • मामला कानपुर शहर के बर्रा थाना क्षेत्र का है.

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  • जहा 23 दिन पहले सिपाही राम नरेश की नाबालिग पुत्री प्रियंका का अपहरण हुआ था.
  • इस मामले में पीड़ित सिपाही ने पड़ोस के राजीव तिवारी व् प्रिंशु पर आरोप भी लगाया था.
  • लेकिन मामले में आरोपियों के नाम जानने के बाद भी पुलिस में टाला मटोली कर रही है.
  • जिसके चलते बेचारा सिपाही अपने ही महकमे की कटपुतली बना हुआ है.
  • इस दौरान जब पीड़ित सिपाही ने अधिकारियो के दफ्तरों के चक्कर काटना शुरू किया.
  • जिसके बाद पुलिस हरकत में आई .
  • लेकिन किसी आरोपी को पकड़ने की बजाय वो पीड़ित सिपाही को ही कटपुतली बना कर जगह जगह घुमाती रही.
  • हालत ये है की अब तक सिपाही की बेटी कहाँ है, किस हाल में है, किसी को कुछ नही पता.
  • इस दौरान सिपाही पिता ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा ही की मैं पुलिस में हूँ फिर भी मेरी सुनवाई नही हो रही.
  • ऐसे में ये सिपाही सिर्फ भगवान पर ही भरोसा कर अपनी बेटी की सलामती और वापसी की मन्नत मांग रहा है.

मामले में एसपी साउथ कानपुर अशोक वर्मा का बयान-

  • इस मामले में पुलिस अधिकारियो से जब हमने बात की तो उनका कहना है की प्रयास जारी है.
  • हर जगह तलाश की जा रही है.
  • इस दौरान sp साऊथ कानपुर अशोक वर्मा ने बताया कि जिन पर अपहरण का आरोप है वो माननीय उच्च न्यायालय से एक स्टे आडर ले आये है.
  • ये ऑर्डर 7 जून का है.
  • उसमे साफ़ लिखा है की आरोपियों की गिरफ्तारी नही की जा सकता.
  • उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पुलिस इस स्टे को हटवाने का प्रयास करेगी.
  • बहहाल खाकी का दर्द जब खाकी न सुने तो आखिर न्याय कब और कैसे मिलेगा ये सवाल बड़ा है.

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