उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती तथा प्रोन्नति बोर्ड द्वारा साल 2015 में पुलिस भर्ती के ऑनलाइन आवेदन फार्म निकाले गए थे. इसकी परीक्षा पूरी होने के बाद 34716 सिपाहियों की भर्ती होनी थी. लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया के परिणाम को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुरक्षित कर लिया था. भर्ती में चयनित करीब डेढ़ हज़ार अभ्यार्थियों ने बुधवार 24 मई को राजधानी लखनऊ स्थित विधानसभा के सामने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस ने इन अभ्यार्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया.जिसके बाद मौके पर भगदड़ मच गई.

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पुलिस भर्ती में सीएम से हस्तक्षेप की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे अभ्यार्थी-

  • पुलिस भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए आज लखनऊ विधानसभा पर धरना प्रदर्शन किया गया.
  • धरना कर रहे लोगों की माने तो 29 दिसंबर 2015 में पुलिस भर्ती तथा प्रोन्नति बोर्ड ने 34716 सिपाहियों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकला था.
  • जिसकी विज्ञापन संख्या पीआरपीवी एक-1 (82)2015 थी.
  • सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए निश्चित अवधि के भीतर ये भारती प्रक्रिया पूरी होनी थी.
  • प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि इस मामले में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो रही थी.
  • लेकिन कुछ अराजक तत्व अभ्यार्थी जिनका इस भर्ती से कोई मतलब नही था.
  • उन्होंने उच्च न्यायालय में इस मामले में याचिका (संख्या-C 3336/2016) दायर कर दी.
  • इसके बाद 27 मई 2016 को न्यायलय के आदेश पर भर्ती के अंतिम परिणाम को रोक दिया गया था.

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  • उन्होंने बताया की शुरूआती दौर में प्रदेश के सरकार अधिवक्ता ने प्रभावी पैरवी की थी.
  • लेकिन वर्तमान में लापरवाही और उचित पैरवी न होने के चलते 28916 पुरुषों और 5800 महिलाओं की भर्ती नही हो पा रही है.
  • प्रदर्शनकारियों का कहना है हम सीएम योगी से इस मामले में सहयोग और हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं.
  • जिससे उच्च न्यायालय द्वारा सुरक्षित किये गए भर्ती परिणामों को जारी किया जा सके.
  • जिससे जल्द से जल्द ये भर्ती पूरी हो सके.

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