उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी को 325 सीटों का प्रचंड बहुमत मिला था, जिसके बाद सूबे की कमान योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के तौर पर दी गयी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभालते ही तेजी के साथ प्रशासन की कार्य-प्रणाली को सुधारने की बात कही थी।

शुरू हुआ तबादलों का दौर:

  • यूपी विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा सरकार ने प्रदेश के प्रशासन की कार्य-प्रणाली में सुधार की बात कही।
  • जिसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में अपनी तबादला एक्सप्रेस दौड़ा दी।
  • इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे सूबे के प्रशासन को ताश के पत्तों की तरह फेंट दिया।

उत्तर प्रदेश पुलिस की ‘सोशल इंजीनियरिंग’:

  • CM योगी आदित्यनाथ ने सरकार के पहले दिन से ही सूबे की कार्य-प्रणाली को सुधारने की बात कही थी।
  • योगी सरकार में हुए तबादलों पर गौर फरमाया जाए तो यूपी पुलिस की सोशल इंजीनियरिंग का असर देखा जा सकता है।
  • सरकार में जो तबादले प्रशासन की कार्य-प्रणाली में सुधार को लेकर शुरू हुए थे,
  • उन तबादलों की आड़ में यूपी पुलिस ने सोशल इंजीनियरिंग का जबरदस्त तरीके से इस्तेमाल किया।
  • हाल ही में सूबे के भीतर हुए तबादलों में यूपी पुलिस की सोशल इंजीनियरिंग को साफ़-साफ़ देखा जा सकता है।
  • जाति विशेष को प्रमुखता देने के आरोपों के बाद तबादलों में ब्राह्मण, ठाकुर समेत अन्य सवर्णों को प्रमुखता दी गयी।

सूबे के प्रशासन में यूपी पुलिस की ‘सोशल इंजीनियरिंग’ के आंकड़े:

ADG/IG जोन की प्रदेश में कुल संख्या: 8

सामान्य: 5

  • ब्राह्मण- 2,
  • ठाकुर- 1,
  • कायस्थ- 1,
  • अग्रवाल- 1

पिछड़ी जाति: 1

  • मौर्या- 1,

SC/ST: 2

  • ST- 1,
  • SC-1,

IG/DIG रेंज की प्रदेश में कुल संख्या: 18

सामान्य: 11

  • ब्राह्मण- 3,
  • ठाकुर- 4,
  • कायस्थ- 2,
  • वैश्य- 1,
  • जैन- 1

पिछड़ी जाति: 6

  • यादव- 1,
  • सुनार- 1,
  • तेली- 1,
  • मौर्या- 1,
  • अन्य- 2

SC/ST: 1

  • अनुसूचित जाति- 1

SSP/SP की प्रदेश में कुल संख्या: 75

सामान्य: 42

  • ब्राह्मण- 20,
  • कायस्थ- 1,
  • ठाकुर- 13,
  • वैश्य- 1,
  • भूमिहार- 1,
  • अन्य- 6

पिछड़ी जाति: 21

  • मुस्लिम- 2,
  • कुशवाहा- 1,
  • जाट- 1,
  • यादव- 2
  • अन्य- 15

SC/ST: 12

  • अनुसूचित जाति- 9,
  • अनुसूचित जनजाति- 3,

‘जाति विशेष को प्रमुखता’ के आरोपों के जवाब में यूपी पुलिस की ‘सोशल इंजीनियरिंग’:

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद आई नई सरकार ने सूबे में बड़े पैमाने पर तबादले किये, जिसके तहत जाति विशेष को प्रमुखता दिए जाने के आरोपों को झेल रही यूपी पुलिस ने इस बार ज़बरदस्त तरीके से अपनी सोशल इंजीनियरिंग को दिखाते हुए सूबे के प्रशासनिक ढांचे में सबको मौका दिया।

यूपी पुलिस के ढांचे को लेकर सबसे ज्यादा आरोप पिछली सरकार के दौरान लगे थे, जिसके बाद यूपी पुलिस की छवि को काफी नुक्सान पहुंचा था। नई सरकार के आने के बाद यूपी पुलिस ने अपने प्रशासनिक ढांचे में ‘सभी को मौका’ देकर उन आरोपों को गलत साबित किया है।

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