बुलंदशहर गैंगरेप मामले में पुलिस की बाबरिया गैंग थ्यौरी नाकाम होती दिख रही है। पुलिस ने इस मामले के जिस मुख्य आरोपी रईस को जेल भेजा है, वह पिछले कई महीनो से अपने गैंग के साथ इलाके में लगातार वारदातें कर रहा था।

रईस का रिकॉर्ड आपराधिक रहा है और इसने महीने भर पहले एक ढाबे पर डकैती डालकर दर्जन भर ट्रक ड्राइवर और ढाबा मालिक से लाखों रूपये की लूट की थी, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में क्राइम कंट्रोल के चक्कर में यह केस दर्ज नही किया गया। इस मामले को पुलिस ने लेन-देन के बाद दबा दिया। कहीं भी इस अपराधी का नाम नहीं था।

एमएस इंस्टीट्यूट के बाहर नेशनल हाइवे के नये बाईपास के पास सोनू और उनकी पत्नी राजकुमारी चाय और रोटी का ढाबा चलाते है। पास के गाँव सुतारी का रईस अक्सर इस ढाबे पर गांजे की सिगरेट पीने आता था। 30 जून 2016 की रात को भी वो सिगरेट पीने तो आया लेकिन उसके बाद भी कई बार उसने ढाबे के चक्कर लगाये थे। तक़रीबन 2 बजे 8-9 बदमाशों ने हथियारों समेत ढाबे पर धावा बोला और पैसे-रूपये के अलावा अन्य समान भी लूटकर चले गए।
ढाबा चलाने वाले सोनू ने बताया कि-

इन बदमाशों में रईस को उन्होने पहचान लिया।
उसने अपने चेहरे पर कपड़ा बांध रखा था।
उसने गुल्लक में रखे करीब 18 हजार रूपये निकाल लिये।
वह ढाबे में रखे कीमती सामान को बिना तलाश के निकाल लेता था।
बदमाशों ने ट्रक ड्राइवरों समेत सभी के हाथ पैर बांध दिये।
सबकी जेबों से नकदी और मोबाइल फोन भी छीन लिया।
सोनू के अनुसार, बदमाशों ने ट्रक ड्राईवर को खिड़की खोलने के लिए धमकाया।
गाड़ी स्टार्ट करके भागने पर बदमाशों ने फायर कर दिया।
लेकिन ड्राइवर ने ट्रक को चोला पुलिस चौकी की ओर दौड़ा दिया और चौकी पहुँच गया।
पुलिस चौकी इंचार्ज प्रदीप यादव पुलिस बल के साथ आये और उन्होने उन्हें और उनकी पत्नी को जमकर धमकाया।
उनकी पत्नी पर धंधा करने के आरोप तक पुलिस ने लगाये और वारदात को लेकर मुँह बंद रखने की धमकी दी।
बाद में मौके पर जब कोतवाल रामसेन आ गये तो सारे ट्रक ड्राइवरों को पुलिस ने लाठी के बल पर भगा दिया।
ड्राइवर मामले का केस दर्ज कराने की बात कह रहे थे लेकिन पुलिस तैयार नही थी।

अख़बार में खबर सामने आने पर देहात कोतवाल रामसेन ने सोनू और राजकुमारी को थाने में बुलाकर धमकाया। उन्हें धमकी दी गयी कि अगर केस दर्ज कराया तो ढाबा बंद करा दिया जायेगा। सोनू ने पुलिस को वारदात में रईस के शामिल होने की बात भी बताई थी। लेकिन चौकी इंचार्ज प्रदीप यादव और दारोगा सतपाल गौड़ ने रईस को रिश्वत लेकर छोड़ दिया।

24 जुलाई को खुर्जा के धराऊँ गांव में निर्माणाधीन कोल्डस्टोर पर हुई डकैती और महिलाओं से रेप के मामले का शक भी रईस पर है लेकिन पुलिस ने इसमें केवल लुट की धारा लगाकर केस दर्ज किया है।

इसके अलावा कोतवाली देहात में 15 दिन पहले हुए लूट और रेप के मामले पर भी इलाका पुलिस ने परदा डालने की कोशिश की। पुलिस ने दबाव बनाकर पीड़ित परिवार को इलाका छोड़ने को मजबूर किया।

इस सभी मामलों पर जवाब मांगने पर एसएसपी अनीस अहमद अंसारी ने कहा कि अभी जाँच चल रही है लेकिन पुलिस के रवैये को देखते हुए ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि जाँच कैसी और किसके पक्ष में चल रही है।

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