यूपी एसटीएफ ने UIDAI द्वारा निर्धारित बॉयोमेट्रिक मानको को बाइपास करके फ़र्ज़ी आधार कार्ड बनाने वाले (fake UIDAI aadhaar card) गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए कई जालसाजों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। एसटीएफ का दावा है कि पकड़े गए जालसाज काफी समय से फर्जी आधारकार्ड बना रहे थे।

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  • एसटीएफ गिरोह के सदस्यों से पूछताछ कर रही है।
  • एसटीएफ के अधिकारियों ने आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में आधार कार्ड बनाने वाली सामग्री और बायोमेट्रिक मशीने भी बरामद की हैं।

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साइबर थाने में दर्ज कराई गई थी एफआईआर

  • पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि विगत दिनोें एसटीएफ उत्तर प्रदेश को प्रदेश के मुख्य शहरों में Tampered Client Application के माध्यम से आपरेटर्स तथा इनरोलमेंट एजेन्सी के अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा आपरेटर्स अनिवार्य प्रमाणित लॉगिन आईडी का दुरुपयोग एवं बाईपास कर फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना प्राप्त हो रही थी।
  • इस तथ्य की UIDAI को जानकारी होने पर UIDAI के डिप्टी डायरेक्टर द्वारा साइबर क्राइम थाना, लखनऊ में मुअसं-02/2017 धारा 416/419/467/471 भादवि एवं 66/66 सी/66 डी आईटी एक्ट पंजीकृत कराया गया।
  • इसके पूर्व आधार कार्ड से सम्बन्धित अभियेाग जनपद-लखनऊ, देवरिया व कुशीनगर में भी पंजीकृत कराये जा चुके हैं।
  • अन्तर्राज्यीय गिरोह के सक्रिय होने के कारण UIDAI के अधिकारियों द्वारा एसटीएफ, उत्तर प्रदेश से इस गिरोह का पर्दाफाश करने में सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया गया।
  • इस सम्बन्ध में पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ उत्तर प्रदेश एवं मनोज तिवारी, पुलिस उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, उप्र द्वारा त्रिवेणी सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक कोे अपनी टीम के माध्यम से अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।
  • इसके अनुपालन में उनके द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तंत्र को सक्रिय किया गया।
  • अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि उक्त गिरोह उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सक्रिय हैं तथा फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का मास्टरमाइण्ड सौरभ सिंह, कानपुर का रहने वाला है।

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सटीक सूचना पर हुई गिरफ़्तारी

  • आईजी एसटीएफ ने बताया कि प्राप्त अभिसूचनाओं को विकसित एवं सत्यापित करते हुए एसटीएफ मुख्यालय की साइबर टीम द्वारा अथक प्रयास कर इस गिरोह के मास्टर माइण्ड सौरभ सिंह को चिन्हित करते हुए उसके ठिकाने व आवागमन की जानकारी प्राप्त की गयी।
  • सटीक सूचना प्राप्त होने पर अपर पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह के निर्देशन में शनिवार को म.नं.-के. 22, विश्व बैंक कालोनी थाना बर्रा, कानपुर नगर में दबिश देकर इस गिरोह के मास्टर माइण्ड सौरभ सिंह सहित 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।

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ऐसे बनाते थे आधार कार्ड

  • गिरफ्तार अभियुक्तो ने पूछताछ पर बताया कि वे आधार कार्ड बनाने के लिये निधार्रित विधिक प्रणाली/मानकों को बाईपास करते हुए बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से अधिकृत आपरेटर्स के फिंगर प्रिन्ट ले लेते हैं।
  • इसके बाद उसका बटर पेपर पर लेजर प्रिंटर से प्रिंट आउट निकालते हैं।
  • तत्पश्चात फोटो पाॅलीमर रेजिन केमिकल डालकर पाॅलीमर क्यूरिंग उपकरण (यू.वी.रेज) मे पहले 10 डिग्री उसके पश्चात 40 डिग्री तापमान पर कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट, मूल फिंगर प्रिन्ट के समान तैयार कर लेते है।
  • उसी कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट का प्रयोग करके आधार कार्ड की वेबसाइट पर लाॅगिन करते है।
  • आपरेटर के इस कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट का उपयोग आपरेटर के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर करके आधार कार्ड के इनरोलमेंट की प्रकिया पूरी कर लेते है।
  • तैयार किया गया कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट आपरेटर के मूल फिंगर प्रिन्ट की भाॅति ही काम करता है।
  • उल्लेखनीय है कि पूर्व में आधार कार्ड बनाने के लिए आॅपरेटर को अपने फिंगर प्रिन्ट के माध्यम से आधार की क्लाइंट एप्लीकेशन को एक्सेस किया जाता था।
  • लेकिन जब हैकर्स द्वारा क्लोन फिंगर प्रिन्ट बनाये जाने लगे तब यूआईडीएआई ने फिंगर प्रिन्ट के अतिरिक्त बायोमेट्रिक में आॅपरेटर के IRIS को भी आॅथेन्टीकेशन प्रोसेस का हिस्सा बना दिया, जिस कारण फर्जी आॅपरेटर्स का एक्सेस नियंत्रित हो गया।
  • लेकिन पूछताछ पर यह जानकारी भी संज्ञान में आयी कि बायोमेट्रिक एवं IRIS को भी बाइपास करने हेतु नये क्लाइन्ट एप्लीकेशन हैकर्स द्वारा बना लिये गये।
  • इस कारण आपरेटर्स IRIS एवं फिंगर प्रिन्ट दोनो को बाइपास करने में सफल हो गये।
  • यह एप्लीकेशन हैकर्स अनधिकृत आपरेटर्स को भेजकर उनसे प्रत्येक से 5-5 हजार रूपये लेने लगे। इस प्रकार एक आपरेटर की (fake UIDAI aadhaar card) आईडी पर अनेक मशीने एक साथ काम करने लगी।

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गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी

  • गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारीपूछताछ एवं जाॅच से यह भी तथ्य प्रकाश में आया है कि UIDAI द्वारा निर्धारित Information Secuirty Policy  का Registrars, Enrollment Agencies, Supervisors, verifiers एवं Operators द्वारा नहीं किया गया हैं।
  • जिसके कारण Hacker  फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने में सफल हुए।
  • सम्पूर्ण आधार इनरोलमेन्ट प्रक्रिया की सिक्योरिटी आडिट करायी जायेगी।
  • गिरफ्तार अभियुक्तोें को साइबर क्राइम पुलिस थाना, लखनऊ में मुकदमा उपरोक्त में अन्तर्गत धारा- 419, 420, 467, 468, 471, 473, 474, 34 भादवि व 66, 66सी, 66डी, आई0टी0 एक्ट व 7/34 आधार अधिनियम, 2016 दाखिल कर, अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।
  • इस गिरोह से जुडे अन्य लोग प्रकाश में आये हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

इन अभियुक्तों की हुई गिरफ़्तारी

  • सौरभ सिंह पुत्र भूपेन्द्र सिंह निवासी म.नं.-के. 22 विश्व बैंक कालोनी थाना बर्रा जनपद कानपुर नगर।  
  • शुभम सिंह पुत्र भूपेन्द्र सिंह निवासी म.नं.-के. 22 विश्व बैंक कालोनी थाना बर्रा जनपद कानपुर नगर।  
  • शोभित सचान पुत्र ज्ञानेन्द्र सिंह निवासी के. 219 विश्व बैंक कालोनी थाना बर्रा जनपद कानपुर नगर।
  • शिवम कुमार पुत्र दिनेश कुमार निवासी ग्राम सगरा थाना जाफरगंज जनपद फतेहपुर।
  • मनोज कुमार पुत्र मलखान निवासी ग्राम घीरा थाना बिंदकी जनपद फतेहपुर।
  • तुलसीराम पुत्र राम प्रकाश शकय निवासी-ग्राम चौधरी भोगाव थाना भोगाव जनपद मैनपुरी।
  • कुलदीप सिंह पुत्र स्व. शिव कुमार सिंह निवासी ग्राम सरसीडीह थाना कन्धई जनपद प्रतापगढ़।
  • चमन गुप्ता पुत्र अश्वनी गुप्ता निवासी पिहानी चुंगी थाना कोतवाली देहात हरदोई।
  • गुड्डू गोंड पुत्र कल्पनाथ गोंड निवासी ग्राम विसुनपुरा थाना अहिरौला जनपद आजगढ़।
  • सतेन्द्र कुमार पुत्र चन्द्रपाल निवासी म.नं.-119 के.आर. पुरम संगवा रोड थाना चकेरी जनपद कानपुर नगर।

ये सामान एसटीएफ ने किया बरामद

  • लैपटाप-11 अदद
  • कृत्रिम फिंगर प्रिंट कागज पर- 38 अदद
  • कृत्रिम फिंगर प्रिंट कैमिकल निर्मित- 46 अदद
  • मोबाइल फोन मय सिम कार्ड- 12 अदद
  • आधार फिंगर स्कैनर- 02 अदद
  • फिंगर स्कैनर डिवाइस- 02 अदद
  • आइरिस (रेटिना स्कैनर)- 02 अदद
  • रबर स्टैम्प (मोहर)- 08 अदद
  • आधार कार्ड- 18 अदद
  • वेब कैम- 01 अदद
  • GPS एक्युपमेंट- 01 अदद
  • Polymer Curing Instrument ¼UV Rays½& 01 अदद
  • Photo Polymer Rayses गुलाबी केमिकल- 01 अदद
  • Printo Print Enhancer- 01 अदद।
  • पारदर्शी काॅच की प्लेट जिसके मध्य टेप से चिपका कृत्रिम फिंगर प्रिंट- 02 अदद

MODUS OPERANDI

गिरोह द्वारा UIDAI  द्वारा निधार्रित बायोमेट्रिक मानक को Clone Finger Print  के माध्यम से Bypass एवं UIDAI  के Application Client   के Source Code को Tamper करके Fake Tampered Client Application बनाकर निर्धारित Operator Authentication Process को Bypass करके आधार कार्ड बनाया जाता है। (fake UIDAI aadhaar card)

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