उत्तर प्रदेश के भाजपा फंड से करीब 93 करोड़ अड़तीस लाख रुपयों की हेराफेरी व चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिसका खुलासा खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने आज लखनऊ में किया।

2014 में भाजपा की जीत में ख़ुफ़िया एजेंसियों के संबंध का किया था खुलासा:

नई दिल्ली के स्वतंत्र खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी पिछले कुछ समय से लगातार नया खुलासा करते हुए भाजपा व केंद्र में मोदी सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर घेर रहे है।

उन्होंने शुरुआत 2014 में भाजपा की बंपर जीत को काले धन व विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसियों से जोड़ते हुए प्रशांत किशोर को मोसाद का एजेंट बताया था। उसके बाद प्रशांत किशोर की फंडिंग पर सवाल उठाए।

Uttar Pradesh BJP fund fraud: nine crore rupees missing

बता दें कि नवनीत पिछले एक महीने में देश भर में 9 प्रेस कांफ्रेंस कर चुके है। बहुचर्चित राफेल जहाज घोटाला का खुलासा भी इन्ही की रिसर्च खोज पर आधारित है. जिस पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को जम कर घेरा हुआ है।

[penci_blockquote style=”style-3″ align=”none” author=””]नवनीत ने बताया कि वो पहले भी आंध्र प्रदेश भाजपा में 23 करोड़, महाराष्ट्र भाजपा में 95 करोड़ और मध्यप्रदेश भाजपा में 119 करोड़ पार्टी फंड से गायब व चोरी होने का खुलासा कर चुके है।[/penci_blockquote]

भाजपा के 93 करोड़ की फंड फेराफेरी का खुलासा: 

उत्तरप्रदेश भाजपा से जुड़ा 93 करोड़ की हेराफेरी का मसला नवनीत चतुर्वेदी ने आज उजागर करते हुए बताया, ” पिछले विधानसभा चुनाव के वक़्त चुनाव आयोग का मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट 17 जनवरी 2017 से ले कर 15 मार्च 2017 तक लगा हुआ था.

इस अवधि में हुए तमाम राजनीतिक चुनावी आय -व्यय के ब्यौरे को हर राजनीतिक दल को चुनाव आयोग में प्रस्तुत करना होता है।

Uttar Pradesh BJP fund fraud: nine crore rupees missing

प्राप्त दस्तावेज़ बताते है कि 6 जुलाई 2017 को भाजपा ने यह रिपोर्ट बकायदा चार्टर्ड अकाउंटेंट से सत्यापित करवाते हुए राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व पियूष गोयल और संगठन मंत्री राम लाल के हस्ताक्षरों व मुहर के साथ जमा करवाई।

इन दस्तावेज़ो के अध्ययन से पता चलता है कि 17 जनवरी 2017 को भाजपा पार्टी फंड [ केंद्र व यूपी राज्य मिला कर ] कुल जमा उपलब्ध नगदी व बैंक जमा धन 68.71 करोड़ था .

17 जनवरी से 15 मार्च तक पार्टी फंड [ केंद्र व यूपी भाजपा में ] कुल चंदा इत्यादि मिला कर नगदी + बैंक जमा सब 254.14 करोड़ प्राप्त हुए.

पार्टी कोष में जमा राशि और खर्च राशि में तालमेल ही नहीं:

इस तरह कुल उपलब्ध धन 322.85 करोड़ होता है। इस समय अवधि में भाजपा की केंद्र व यूपी राज्य इकाई ने चुनाव में विभिन्न चुनावी मदों में कुल 159.60 करोड़ रूपये खर्च किये. [ नगद व बैंक से हुए खर्चे मिला कर ]

अब इस तरह पार्टी फंड में करीब उपलब्ध धन में से खर्च किये हुए पैसे को घटा कर 163.25 करोड़ शेष बचना चाहिए था, लेकिन उन्होंने अपने पार्टी फंड में सिर्फ 69.87 करोड़ कुल उपलब्ध राशि बैंक व नगद जोड़ कर बताई है.

ऐसे में सवाल यह उठता है कि शेष राशि 93 करोड़ 38 लाख रूपये कौन ले गया?

फंड के हेरफेर में लगाया पियूष गोयल और संगठन मंत्री पर आरोप:

नवनीत चतुर्वेदी ने ये भी आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की आपराधिक कृत्य भाजपा की हर राज्य इकाई के पार्टी फंड में हुई है और इसकी जिम्मेदारी सीधे सीधे पियूष गोयल, संगठन मंत्री राम लाल और चार्टर्ड अकाउंटेंट की बनती है.

उन्हें सफाई देनी चाहिए लेकिन अफ़सोस अब तक भाजपा के किसी भी पदाधिकारी प्रवक्ता का कोई बयान इन विषयों पर नहीं आया है.

जाहिर है पार्टी के वित्तीय कोष व लेन -देन का हिसाब जिम्मेदारी सिर्फ पार्टी कोषाध्यक्ष और अध्यक्ष की है।

सवाल:

उनका कहना है यह पार्टी फंड पब्लिक का पैसा है. कई लाख कार्यकर्ताओं ने चंदा दिया होगा और यह किसी पार्टी के आंतरिक मामलो में दखल अंदाजी का मामला नहीं है.

यह संपूर्ण राष्ट्र और देश हित का मसला है. जिस पार्टी का फंड ही वहां के नेता यदि गड़बड़ किये हुए हो, उनसे आखिर हम इस देश के सरकारी खजाने की सलामती की उम्मीद कैसे रख सकते है और क्या गारंटी है कि इस तरह का गड़बड़ झाला सरकारी खजाने में न हुआ होगा?

आखिर पार्टी को अपनी चुप्पी तोड़ कर सफाई देनी चाहिए क्योंकि केंद्र से लेकर 20 राज्यों में उन्ही की सरकार है।

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