पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होते ही अपनी-अपनी जीत हासिल करने के लिए राजनैतिक पार्टियों में उथल-पुथल शुरू हो गई है। वहीं चुनाव आयोग का सख्त निर्देश होते ही पुलिस अफसरों ने भी कमर कस ली है। सड़कों पर लगे सियासी बैनर-पोस्टर हटाने के साथ राजधानी के प्रमुख चौराहों पर पुलिस वाहन चेकिग अभियान शुरू कर, वाहनों पर लगे हूटर एवं अलग-अलग पार्टियों के निशान को उतार कर किसी का चालान किया तो किसी को हिदायत देकर छोड़ा।
शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए पुलिस ने कासी कमर
- बीजेपी, सपा व बसपा के अलावा पार्टियों के प्रत्याशी एवं कार्यकर्ता अभी से ही मतदाताओं को रिझाने में जुट गये हैं।
- राजनीतिक पार्टियों के चुनावी दंगल को भांपतें हुए पुलिस ने भी विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए कमर कस ली है।
- यहीं नहीं पुलिस सूत्रों की मानें तो संवेदनशील-अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में भी निगरानी शुरू कर चुनाव में खलल डालने लोगों पर पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है।
- निर्वाचन आयोग की ओर से पुलिसकर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है।
- यही नहीं जानकार सूत्रों की मानें तो पूर्व में हुए चुनाव के हालात देखते हुए सभी पुलिस अफसरों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
- वहीं निर्वाचन कार्यालय ने हर थानेदारों से पिछले चुनाव में हुई छिटपुट घटनाओं का ब्योरा मांगा है।
- उसी से पुलिस यह पता लगायेगी कि मौजूदा समय में उन विधानसभा क्षेत्रों में क्या हालात हैं।
- वहां हुई घटनाओं और प्रत्याशियों की संलिप्तता को भी परखा जायेगा।
- यह भी देखा जायेगा कि जिन प्रत्याशियों या राजनीतिक पार्टियों में तनातनी हुई थी, उनकी इस बार की क्या रणनीति तय हो रही है।