कोरोना से बचाव के लिए जरुरी है टीका व मास्क – जासमीर अन्सारी

नगर पालिका अध्यक्ष के साथ दर्जन भर सभासदो ने लगवाया टीका, सफाई व्यवस्था देख लोगों ने सराहा कहा हमारे वार्ड में भी आते नगर पालिका अध्यक्ष

sitapur community center
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लहरपुर(सीतापुर)संवाद कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए लहरपुर नगर पालिका अध्यक्ष मोहम्मद जासमीर अंसारी ने दर्जनों सभासदो के एक साथ टीका लगवाकर नगर की जनता को यह संदेश देने का प्रयास किया कि कोरोना से बचाव के लिए प्रत्येक नागरिक का टीकाकरण अतिआवश्यक है। आज सुबह से ही समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चहल पहल देखी गई लोग एक दूसरे से पूछते नजर आए कि केंद्र पर आज क्या कोई अधिकारी या नेता आने वाला है। कारण स्पष्ट था कि दिन प्रतिदिन अबे अव्यवस्थाओ व गन्दगी से जूझ रहे है सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आज अचानक सफाई कर्मियों के झुंड के झुंड सफाई करते देखे गए। सेनेटाइज का कार्य शुरू हो गया और मिनटो में पूरा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेनेटाइजर की खुशबू से महकने लगा। ऊबड़ खाबड़ सड़क पर चूना पड़ गया हर स्वास्थ्यकर्मी अपनी ड्यूटी पर नजर आने लगा कारण स्पष्ट था कि आज नगर पालिका अध्यक्ष का टीकाकरण होना था। लोग आपस में यह बतियाते दिखे काश ऐसी ही व्यवस्था हमें प्रतिदिन देखने को मिलती लोग तो यहां तक कहते दिखे की यदि हमारे वार्ड में भी कभी पालिका अध्यक्ष आ जाते तो हमारे भी वार्ड के दिन बहुर जाते सफाई व्यवस्था के नाम पर सरकार द्वारा भेजा गया करोड़ो का धन प्रतिमाह व्यय तो किया जा रहा है रजिस्टर पर सैकड़ों सफाई कर्मियों के हस्ताक्षर तो होते हैं किंतु जमीनी हकीकत में न तो कहीं पर सफाई कर्मी दिखते हैं और न ही किसी वार्ड में सफाई व्यवस्था, लोग गंदगी से परेशान है। तथा कोरोना के बढ़ रहे संक्रमण को देखकर डरे हुए है। पूरे नगर में कहीं पर ना तो दवाइयों का छिड़काव किया गया है और न ही सफाई व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। पूरे पालिका कर्मचारियों का ध्यान अगर कहीं है तो बस पालिका अध्यक्ष के चहेते बड़े बाबू नीरज गौड़ उर्फ विश्वासघाती बाबू के इर्द गिर्द चक्कर काटने पर है। क्योकि यदि ऐसा ना करें तो माह के आखिरी दिन वेतन भी तो लेना होता है। कुछ कर्मचारियों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि सफाई व्यवस्था तथा विकास के नाम पर आने वाला करोड़ो का बजट यही विश्वासघाती बाबू व नगर पालिका अध्यक्ष के बीच बन्दरबाट कर लिया जाता है। और सफाई व्यवस्था के नाम पर लोगों को केवल ठेंगा दिखा दिया जाता है, अगर ऐसा नही है तो चंद रुपये वेतन पाने वाला बड़ा बाबू आज कई करोड़ की सम्पति का मालिक बना बैठा है। सीतापुर से लगाकर कई जगहों पर मकान व करोड़ों की संपत्ति अपने तथा अपने करीबियों के नाम पर खरीदी जा रही है। सरकार यदि निष्पक्षता से मात्र अकेले बड़े बाबू की सम्पति की जांच करा लें तो इनके चेहरे से नकाब उठते देर नही लगेगा।

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