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वाराणसी : पं० राजन मिश्र को समर्पित रहा काशी घाटवॉक का 1000 वां दिन, प्रो० श्रीप्रकाश शुक्ल बोले- घाट वॉक से हमारे चेतना का भी होता है निर्माण

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वाराणसी : पं० राजन मिश्र को समर्पित रहा काशी घाटवॉक का 1000 वां दिन, प्रो० श्रीप्रकाश शुक्ल बोले- घाट वॉक से हमारे चेतना का भी होता है निर्माण

वाराणसी। काशी घाटवॉक विश्वविद्यालय सोमवार को अपना एक हजारवां वॉक मना रहा था। तुलसीघाट से लेकर राजघाट तक हुए यह घाटवॉक काशी के समृद्ध पारंपरिक संगीत परंपरा को काशी घाटवॉक विश्वविद्यालय का 1000 वां दिन समर्पित रहा।

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काशी के तुलसीघाट से शुरु होकर राजघाट तक हुए घाटवॉक के दौरान सभी ने अपने-अपने पसंदीदे शास्त्रीय संगीत के संगीतज्ञों को याद किया और युवा पीढ़ी की बताया कि हॉलीवुड और बॉलीवुड में जो आप संगीत सुनते है उसका मूल शास्त्रीय संगीत ही है। काशी के संगीत साधकों ने विदेशों में देश का झंडा बुलंद किया है।

इस संदर्भ में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के भोजपुरी अध्ययन केन्द्र के समन्वयक प्रो श्रीप्रकाश शुक्ला ने कहा कि स्पर्श वंचित कोरोना समय में काशी घाट वॉक हमारे लिए आश्वस्त का विषय है, जिसमें हम हर तरह के मानसिक दबाव से मुक्त हो सकते है। यह हमारे लिए केवल स्वास्थ का मसला नहीं है, बल्कि हमारे चेतना का निर्माण भी इस माध्यम से होता है।

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उन्होंने कहा कि आज के हजारवें घाट वॉक में युवा शामिल है इससे इनके भविष्य को लेकर आश्वस्ति मिलती है। पंडित राजन मिश्र जिस तरह परिवार की थाती को आगे बढ़ाया वह हमारे लिए गौरव का विषय है, उसकी साधना सभी संगीत के छात्रों को जाननी चाहिए। जिस तरह अप्पा जी ठुमरी के लिए हमेशा याद रखी जाती है और काशी उन्हें कभी भुला नहीं सकती वैसे ही राजन मिश्र हमेशा याद किए जाएंगे।

वही इसी क्रम में सर सुंदरलाल चिकित्सालय के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक व न्यूरोलॉजिस्ट व काशी घाटवॉक के संस्थापक प्रो. विजयनाथ मिश्र ने कहा कि संगीत का हमारे स्वास्थ से गहरा सम्बंध है। संगीत सुनना एक तरह से मानसिक व्यायाम है। उन्होने कहा कि काशी घाट वॉक केवल स्वास्थ की ही नहीं बल्कि हमारे अपने काशी के धरोहरों, समृद्ध संगीत साधकों और प्रतिभाशाली युवाओं को लेकर भी निरंतर कार्यक्रम करता है।

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वही इस कार्यक्रम में कोविड़ प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सपा नेता किशन दीक्षित ने कहा कि हम घाट के लोग हमारी आत्मा काशी के घाटों पर ही बसती है। जब तक काशी की सुबह और रात को बाबा विश्वनाथ का प्रसाद नहीं मिलता तब तक हमारा दिन पूरा नहीं होता। सबका स्वागत मनीष खत्री और कार्यक्रम का संचालन अष्टभुजा मिश्रा ने किया।

कार्यक्रम में श्रुति मिश्रा, महादेव विनय, गोविंद सिंह, सदन यादव, राजू माझी, शिव विश्वकर्मा, राहुल सिंह, विवेक विश्वकर्मा व अन्य लोग शामिल रहे।

Report -Avinash

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