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वाराणसी पुल हादसा: घटिया सामग्री का हुआ प्रयोग, सीएम को सौंपी गई जांच रिपोर्ट

varanasi bridge collapse report submitted by inquiry committee to CM Yogi

varanasi bridge collapse report submitted by inquiry committee to CM Yogi

वाराणसी पुल हादसे की जांच कर रही टीम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। जांच कमेटी ने सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल, मुख्य परियोजना प्रबंधक एससी तिवारी, पूर्व परियोजना प्रबंधक गेंदालाल के अलावा परियोजना प्रबंधक केआर सूदन, सहायक परियोजना प्रबंधक राजेंद्र सिंह, अवर परियोजना प्रबंधक लालचंद व अवर परियोजना प्रबंधक समेत 7 अभियंताओं को दोषी ठहराया है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने सभी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि गुरुवार दोपहर जांच रिपोर्ट आने से पहले ही सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल को हटा दिया गया था। इसकी जानकारी उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके दी थी। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पुल में ड्राइंग का अनुमोदन नहीं कराया था, पुल में प्रयोग घटिया स्तर की सामग्री का प्रयोग किया गया।

जांच रिपोर्ट के बाद सीएम ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

बता दें कि वाराणसी पुल हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने जांच रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर देने के निर्देश दिए थे। इस पर गुरुवार रात उन्हें जांच कमेटी के अध्यक्ष एपीसी राज प्रताप सिंह ने रिपोर्ट सौंप दी। मुख्यमंत्री ने एपीसी राज प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी में सिंचाई विभाग के इंजीनियर इन चीफ भूपेंद्र शर्मा और जल निगम के एमडी राजेश मित्तल प्रमुख थे। वाराणसी पुल हादसे की तकनीकी टीम ने जांच करके गुरुवार की शाम को रिपोर्ट मुख्‍यमंत्री को सौंप दी। मुख्यमंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट में पुल निर्माण के दौरान कई स्तर पर खामियों की बात सामने आई है। इनमें पाया गया है कि निर्माण की ड्राइंग का अनुमोदन नहीं था। कालम के बीच में टाईबीम नहीं बनी थी।

हालांकि जांच में यह स्पष्ट नहीं हो सका कि निर्माण में प्रयुक्त सीमेंट, बालू एवं ग्रिट का अनुपात निर्धारित मानक के अनुरूप था या नहीं। ऐसा बैच मिक्स प्लांट का रिकार्ड न होने के कारण हुआ। इसके साथ ही कार्य स्थल पर ढाली गई कंक्रीट की चेकलिस्ट निर्माण इकाई के पास मौजूद नहीं पाई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि निर्माण कार्य का कई अधिकारियों ने निरीक्षण तो किया लेकिन उसको लेकर कोई प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त नहीं की। निर्माण कार्य के दौरान कार्यस्थल का बकायदा बैरीकेडिंग की जाती है, लेकिन इस कार्य में भी निर्माण के दौरान लापरवाही बरती गई। इसका परिणाम इतने बड़े हादसे के रूप में सामने आया है। मुख्यमंत्री ने जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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