राजधानी लखनऊ के विधानसभा के उस समय हड़कंप मच गया जब एक पीड़ित विधानभवन के सामने पहुंचा और आत्मदाह करने का प्रयास करने लगा। इससे पहले पीड़ित अपने ऊपर तेल डालकर आग लगा पाता कि मौके पर मौजूद महिला कांस्टेबल शिवकुमारी, सुस्मिता यादव और गायत्री तिवारी ने उसे दबोच लिया। आत्मदाह के प्रयास की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और युवक को हिरासत में लेकर हजरतगंज कोतवाली ले गई। पीड़ित ने चेतावनी दी है कि अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर वह आत्मदाह कर लेगा। फिलहाल पुलिस उनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है। पीड़ित का आरोप है कि दबंगों ने उसकी जमीन पर अवैध कब्ज़ा कर लिया है। वह जिला प्रशासन से लेकर हर जगह न्याय के लिए चक्कर काट रहा है लेकिन कोई कार्रवाई न होने के चलते उसने ये खौफनाक कदम उठाया।
![Victim Man Tried Self-Immolation In front of UP Assembly Video](https://www.uttarpradesh.org/wp-content/uploads/2018/11/Atmdah.jpg)
जानकारी के मुताबिक, घटना हजरतगंज स्थित विधानसभा गेट नंबर 3 के सामने की है। यहां प्रतापगढ़ जिला के पुरबिया पट्टी गांव के रहने वाले सरोज कुमार सिंह पुत्र श्री गंगा राम सिंह ने सोमवार दोपहर करीब 12:30 बजे आत्मदाह करने का प्रयास किया। उन्होंने जैसे ही मिट्टी के तेल की बोतल अपने ऊपर उड़ेलनी चाही, वैसे ही मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया। पीड़ित ने बताया कि प्रभैतामऊ की आधार वर्ष खाता संख्या-97 से 3 बीघा भूमाफिया उदय नारायण एवं इनके भाइयों ने चकों में अनैतिक तरीके से नाप लिया। इसके बदले कहीं और भूमि नहीं दी गई। चक संख्या 41 प्रथम, 41 द्वितीय बनाया गया। एलाट गांव पर कब्जा नहीं दिलाया गया। चकबंदी बाहर 4/11, 1/75, 44/1 पर नाप कर पूरा किया जा रहा है। 41/3, 0.159 हेक्टेयर भूमि चकबंदी बाहर भूमि है। इसे अनैतिक तरीके से नाप दिया गया है। पुरवापट्टी की गाटा संख्या चक बाहर भूमि है इस पर राम अजोर पुत्र रामनाथ को अनैतिक तरीके से चक नाप दिया गया।
पीड़ित ने बताया कि चक संख्या 6 बनाया गया है। एलाट गाटों पर कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है। इसके विरोध में 7 मई 2018 से जिला कलेक्ट्रेट प्रतापगढ़ में पीड़ित धरने पर बैठा था। लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला। 7 अगस्त 2018 से पीड़ित आमरण अनशन पर बैठा लेकिन फिर भी समस्या का निदान नहीं किया गया। 18 सितंबर को पीड़ित को ही जेल भेज दिया गया। पीड़ित का साथ दे रही शीला पाल व पम्मी सिंह, अमृता सिंह, विजय तिवारी, पीड़ित की नाबालिग पुत्री भावना सिंह सभी को 30 घंटे तक भूखे प्यासे थाना पर बैठा कर रखा गया। 1 नवंबर 2018 को चकबंदी एसडीओ गांव तक गए। वह यह कह कर वापस आ गए कि तहसील स्टाफ नहीं है। जिससे पैमाइश नहीं की जा सकती। पीड़ित ने बताया कि 45 भूचित्र छोटा कर दिया गया है। इसलिए 23 पुष्टिकृत भूचित्र से उसकी भूमि की पैमाइश करवाई जाए। पीड़ित 24 सितंबर से जेल से बाहर आने के बाद फिर से धरने पर बैठा है लेकिन कोई सुनवाई ना होने के कारण आज उसने विधानसभा पर आत्मदाह का प्रयास किया पुलिस ने पीड़ित को हिरासत में लेकर कार्यवाही की बात कही।
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