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कहते हैं बारिश आने से लोगों के चेहरे पर खुशियां आ जाती है। लेकिन पुराने लखनऊ के एक परिवार पर बारिश ने कुछ ऐसा सितम ढहाया कि अशियाना ही छूट गया। तब से एक दुखियारी मां अपनी दो जवान लड़कियों के साथ दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है, लेकिन उनकी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है और न ही अशियाना देने वाला। अब ऐसे में ये दुखियारी मां इन जवान बेटियों को लेकर कहां जाए? किससे मदद मांगे? पूरा महीना बीतने के बाद भी अब तक इनको कोई ठौर-ठिकाना भी नसीब न हुआ।

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यह था पूरा मामला

Victim rukhsana

  • बताते चलें चौक के कटरा हैदर हुसैन फाटक स्थित फुरकानियां मदरसे के पास बीते 31 अगस्त को एक जर्जर मकान की छत ढह गयी।
  • हादसे में महिला व उसकी बेटियां मलबे के नीचे दब गयी। चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी भी दौड़े थे।
  • क्षेत्रीय लोगों की मदद से मलबा हटवाया था और घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
  • इस हादसे में रुखसाना, बड़ी बेटी कहकशां खान व छोटी सामरा खान के साथ अकेली रहती थी।
  • मकान पुश्तैनी होने के कारण जर्जर अवस्था में था, लेकिन गुजर-बसर करने के लिए कोई सहारा भी नहीं था।

पति की भी हो चुकी मौत

  • बता दें कि रुखसाना के पति स्व. यूसुफ अली खान की मृत्यु हुए काफी साल बीत चुके है।
  • बीते बुधवार सुबह तड़के रुखसाना बेटियों संग सो रही थी।
  • करीब साढ़े सात बजे मकान की जर्जर हो चुकी छत अचानक भरभरा कर ढह गयी।
  • हादसे के दौरान तीनों उसकी चपेट में आ गये। मलबे के नीचे दबने से तीनों बुरी तरह घायल हो गये।
  • जानकारी के अनुसार परिवार के पास गुजारा करने के लिए छत तक नहीं है।

विधायक तो दूर सीएम से भी नहीं मिली मदद

  • रुखसाना अपनी दोनों बेटियों को लेकर स्थानीय पार्षद, विधायक रेहान नईम सहित जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन तक सौंप चुकी है।
  • महीनों बीतने के बाद भी सीएम-डीएम व क्षेत्रीय नेताओं ने इनकी कोई सुध नहीं ली है।
  • जिसके एवज में दो चोटहिल बेटियों के सहारे दुखियारीन दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।
  • हमारे संवाददाता ने जब इस महिला से पूछा तब उसका दर्द झलक पड़ा।

सिर पर गहरे घाव, बेटियां भी चोटिल

  • रुखसाना के अनुसार हादसे में उनके सिर पर गहरे घाव, बड़ी बेटी के पैर, कमर और हाथ में गंभीर चोट आईं।
  • छोटी बेटी के मुंह पर बल्ली गिरने के कारण उसके जबड़े टूट गये है।
  • रुखसाना ने बताया कि उनके पास रोजगार का कोई साधन भी नहीं है।
  • जिससे वे अपनी बेटियों का इलाज करवा सके।
  • ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने जिलाधिकारी सतेन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सम्बोधित ज्ञापन सौंपे हुए भी महीना होने को है, लेकिन न तो कहीं से मदद मिली और न हीं कोई सिर छुपाने को छत।

यहां कर सकते हैं मदद

  • पीड़िता ने बताया कि मैंने मुख्यमंत्री को पत्र के जरिये अपनी पीड़ा बतायी है।
  • उनसे अपने परिवार का जीवनयापन करने के लिए क्षतिग्रस्त मकान को पुन: निर्माण के लिए या किसी योजना के तहत अशियाने की मांग की है।
  • इसके अलावा सीएम से बड़ी बेटी को नौकरी देने की मांग भी की है, ताकि हमारी आर्थिक तंगी दूर हो सके।
  • हम आपसे अपिल करते है कि इस दुखियारी मां की यादि आप मदद करना चाहते है तो 9389780622 पर फोन कर जानकारी ले सकते हैं।

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