उत्तर प्रदेश में एक बार फिर पुलिस द्वारा पीड़ित को ही परेशान करने का मामला सामने आया है. पीड़ित ने बहराइच पुलिस पर जानबूझकर दबाव डालने और धमकी देने के अरोप लगाया है. जबकि उसने जान को खतरा भी बताया.

पीड़ित ने अपनी कहानी कुछ इस प्रकार बयान की है…

  • पीडित उत्तम कुमार के माता पिता व सास ससुर की रजामंदी से विवाह किया गया.
  • विदाई से ही दोनों पक्षों कुत्सित भावना रखते हुए असहाय व आर्थिक विहीन स्थिति में एक रूम देकर अलग कर दिया. तभी से पीड़ित घर-घर ट्यूशन पढाकर अपनी जीविका चलाता आ रहा .
  • दोनों पक्षों ने वर्ष 2002 में अलग कर देने के बाद से आज तक जीविका में सहयोग नही किया. जबकि रिश्तों का सहारा लेकर अपना अधिकार लेते रहे.
  • साथ ही कुत्सित भावना लेकर जीविका में बाधक बनते रहे.
  • अपने परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा कर लेता था.

ससुराल पक्ष पर हत्या करने का प्रयास करने का लगाया आरोप:

  • इसी बीच पत्नी को रिश्तों के सहारे से भड़काकर वर्ष 2012 में सारी नकदी व जेवरात समेत पत्नी व बच्चों को वर्षों तक दूर रखा.
  • पीड़ित के साथ कई गम्भीर व जानलेवा घटना घटित हुई.
  • फिर सामाजिक सहारा लेकर पत्नी व बच्चों सह घर छोड़कर किराये के मकान में रहने लगा.
  • ससुराल पक्ष की भावना हत्या करने की है.
  • इस संबध मेंएक प्रार्थना ससुर को 2015 में दिया.
  • सामाजिक रूप से इस समस्या का निराकरण करने हेतु निवेदन किया जिस पर ससुर पक्ष द्वारा प्रतिक्रियाशील वर्ताव किया गया.
  • ससुर पक्ष द्वारा हत्या करने की भावना 7-3-16 को सामने आ गयी.
  • पत्नी व बच्चे ससुराल मे थे वहाँ से पत्नी ने बच्चों की बीमारी बताकर पीड़ित को बुलाया.

पीड़ित ने कथित हमलावरों का लिया नाम:

  • पीड़ित 7-3-16 को गणेश कुमार पाठक निवासी इन्द्रापुर के साथ एक बजे ससुराल पहुँचा.
  • जिस पर सड़क किनारे बच्चों से मिला था.
  • उसी बीच घात लगाये बैठे गिरधारी, पप्पू पाडे शिवकुमार आदि ने प्राणघातक हमला कर पेट व सीने गम्भीर चोटें देकर मोपेड, मों,नकदी छीनकर रात में जान से मार देने की नीयत से रोके रखा.
  • रात मे विजय कुमार तिवारी ने मोबाइल दिलाया.
  • एस. पी. बहराइच को सूचना देने पर दरगाह पुलिस द्वारा जान बचाई गयी व सिपाही ने घटना की वीडियो भी बनाया.
  • लेकिन दारोगा राम बडाई यादव ने सिपाही द्वारा सासरपारा चौराहे पर प्रेमनाथ तिवारी के सामने पैसे की मांग की जो पीड़ित न दे सका.
  • विपक्षियों से दारोगा ने सिपाही हरिशंकर ने नकद रु. घूस लेकर घटना पर पर्दा डालते हुए पीड़ित के खिलाफ मुकदमा लिखा.

उच्चअधिकारियों की बात भी नहीं सुनी जा रही

  • बाद में दारोगा की शिकायत. उच्चाधिकारियों को की थी.
  • लगातार पत्र देने पर 2-5-17 को मुकदमा सं998/17 धारा 392, 342 में दर्ज किया गया.
  • लेकिन अभी तक कोई न्यायोचित कार्यवाही नही हो सकी.
  • पीडित घटना की चोटों के कारण कोई काम कर जीविका चलाने व अपना इलाज कराने में असमर्थ रह रहा है.
  • पीड़ित का कहना है कि उक्त पक्षों से जान-माल खतरा से बचाव हेतु परिवारिक संबधों से दूर रहकर जी रहा रहा है.

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बहराइच का रहने वाला है पीड़ित:

  • पीड़ित उत्तम कुमार त्रिपाठी ग्रा.सोहरियावाँ पोस्ट बिशेश्वरगंज थाना-पयागपुर जिला-बहराइच का बाशिंदा है.
  • विपक्षी पप्पू पांडे पुत्र शीतला प्रसाद निवासी अगरडीहा पोस्ट रेवली थाना दरगाह बहराइच,
  • गिरधारी लाल पुत्र अज्ञात निवासी हाजी विलाइत थाना-दरगाह बहराइच,
  • दिनेश कुमार निवासी बागवानी थाना गिलौला श्रावस्ती
  • पीडित का विवाह पूनम देवी पुत्री पुत्री शीतला प्रसाद के साथ 1999 में किया गया.
  • विदाई से ही पीडित से कुत्सित भावना रखने लगे जिससे पीडित के जीवन को विकास के पथ पर सहयोग करन के बजाय सदैव हीन भावना रखकर लगातार मानसिक चोटें देते रहे.

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पीड़ित ने बहराइच पुलिस पर लगाया आरोप:

  • पीड़ित को धोखे से बुलाकर जान से मार देने की बडी साजिश करते हुए अधमरा कर दिया गया.
  • 10 हजार रूपये,मोबाइल व मोपेड अपने कब्जे में करके एक बजे से रात 10बजे तक जबरन बंधक बना रखा था.
  • एस. पी .बहराइच को रात में मोबाइल मिलने पर फोनकर सूचना दी.
  • प्रकरण को दबाने के प्रयास में अधिक समय पुलिस द्वारा सबूत मिटाने की कोशिश की गई.
  • साजिश के तहत विपक्षी ने 7-3-16 की घटना से पहले पीडित को अर्थ विहीन कर दिया.
  • आई जी गोरखपुर महोदय के ट्वीट आदेश पर जाँच सी.ओ.सिटी बहराइच को दी गई.
  • सी. ओ.सिटी ने भी बिना पीड़ित से मिले विपक्षियों के कथनानुसार आख्या एस.पी.बहराइच को दी.
  • व पीडित से फोन पर प्रकरण की जाँच स्वयं न करके थाने की आख्या देना स्वीकार किया.
  • ससुराल पक्षों ने पिछले कई वर्षों से साजिश करके पत्नी व बच्चों को मुझसे दूर रखा.
  • पीड़ित ने कहा कि बहराइच पुलिस इस मामले में एकतरफा कार्रवाई कर रही है.
  • पीड़ित लगातार गुहार लगा रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं है.

 

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