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किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) (kgmu) के क्वीन मेरी अस्पताल से आवारा कुत्ते द्वारा एक नवजात का शव लेकर भागने और उसे नोचने की खबरें आने के बाद एक महिला डॉ. का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो को देखकर आप दांतो तले उंगलियां दबा लेंगे।

अगले पेज पेज पर देखिये वीडियो:

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डॉ. विशाखा ने सुनाई पूरी कहानी

  • इस मामले में डॉ. विशाखा ने पूरी घटना का एक वीडियो बयान जारी किया है।
  • इसमें उन्होंने कहा कि मीडिया ने भ्रामक ख़बरें प्रकाशित कर दी हैं।
  • इससे केजीएमयू (kgmu) की काफी फजीहत हुई है।

https://youtu.be/jbvXB5i2nNY

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यह है सही घटनाक्रम

  • केजीएमयू (kgmu) के प्रवक्ता ने बताया कि एक महिला की डिलीवरी हुई थी।
  • उसने एक किलो के मृत बच्चे को जन्म दिया।
  • अस्पताल प्रशासन ने लिखापढ़ी के साथ प्रसूता के भाई को मृत बच्चे को सौंपा।
  • उसका भाई मृत बच्चे को कपड़े में लपेटकर बाहर लेकर गया।
  • दरअसल रात का समय था तो उसके भाई ने सड़क किनारे चाय वाले के पास शव को रख दिया।
  • वह ऑटो की तलाश में कुछ समय के लिए गया था।

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  • तभी कुछ आवारा कुत्ते कपड़ा देखकर उसके पास आ गए और कपड़े को सूंघने लगे।
  • इतने में वहां मौजूद लोगों ने कुत्तों को भगाया।
  • चूंकि अस्पताल के गेट पर हर समय पचासों लोग मौजूद रहते हैं।
  • तो भीड़ ने पुलिस को सूचना दी।
  • सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और पड़ताल करने लगी।
  • पुलिस ने इसका पता नहीं लगा पाया।
  • पुलिस ने अस्पताल में जाकर पूछताछ की।
  • चूंकि महिला ने शव अपने भाई को दिया था इसलिए उसने भी अपना बच्चा होने से इंकार कर दिया।
  • इस दौरान उसका भाई वहां आया लेकिन भीड़ इकठ्ठा देख वह डर के मारे भाग गया।
  • बाद में पहचान होने पर उसने अपनी गलती मानते हुए शव लिया और घर चला गया।

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रोज 600 मरीज पहुंचते हैं अस्पताल

https://youtu.be/UKUFjlJX18o

  • केजीएमयू के प्रवक्ता ने बताया कि क्वीन मेरी में रोजाना 600 मरीज दिखाने के लिए आते हैं।
  • अगर लापरवाही होती तो कोई अस्पताल में दिखाने नहीं आता।
  • उन्होंने बताया कि मुख्य गेट पर सुरक्षा गार्ड के अलावा भारी मात्रा में तीमारदार भी रहते हैं।
  • जहां तीमारदार भी चेकिंग के बाद अंदर जा पाते हैं।
  • ऐसे में आवारा कुत्ते का जाना संभव नहीं है।
  • उन्होंने कहा कि अख़बारों में अस्पताल से शव उठाकर ले आने और नोचने की खबरें प्रकाशित हुईं जबकि बच्चे के शव पर एक खरोंच तक नहीं थी।

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