उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में एक पिता ने अपनी बेटी का निकाह करने से पहले शौचालय गिफ्ट के रूप में दिया। पिता का कहना है कि बेटी की ससुराल में शौचालय नहीं है और यह दहेज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। पिता का कहना है कि खुले में शौच ना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान चला रहे हैं इसका वह समर्थन भी करते हैं। उन्होंने इसकी अन्य गांव वालों और यूपी के लोगों के लिए एक मिशाल पेश की है।

अपनी लाड़ली की ससुराल में बनवाया शौचालय

  • यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में एक बाप ने अपनी लाडली के लिए ससुराल में शौचालय बनवाकर गिफ्ट कर दिया।
  • तबस्सुम और शफीक की शादी हुई है और दहेज में शौचालय मिला।
  • तबस्सुम विदा होकर ससुराल आई, जितनी खुशी उसको ससुराल आने की है, उससे ज्यादा ससुराल में अपने अब्बू से गिफ्ट में मिले शौचालय की है।
  • दहेज में शौचालय मिलने की खबर पर आसपास वाले भी आए हैं और दुआ कर रहे हैं।

दहेज से ज्यादा अहम लगा शौचालय

  • दुल्हन कह रही है कि मुझे दहेज से ज्यादा अहम शौचालय लगा और मेरे अब्बू ने मुराद पूरी की।
  • तबस्सुम कहती हैं कि उन्होंने पीएम मोदी को अक्सर टीवी पर शौचालय बनवाने की जरूरत बताते सुना जब पता चला ससुराल में शौचालय नहीं है तो घबराहट हुई।
  • दरअसल खीरी जिले के गोला इलाके के बशीरगंज गांव में तबस्सुम का मायका है।
  • मायके में शौचालय है पर बिजुआ में जहां शादी तय हुई वहां घर में शौचालय नहीं था, ब्लाक चार कदम पर है लेकिन शौचालय घर में नहीं था।
  • तबस्सुम को जब ये बात पता चली तो वो घबरा गई।
  • पढ़ाई में ग्रेजुएट तबस्सुम ने अपनी अम्मी से चुपके से दिल की बात कही।
  • अम्मी ने भी उसका दर्द समझा, बात छोटी थी पर ससुराल वाले कहीं इसे गलत ढंग से न लें लें, डर ये भी था।
  • खैर तबस्सुम के अब्बू ने पहल की, उन्होंने ससुराल वालों से बात की।
  • ससुराल वालों की माली हालत खराब थी, आखिरकार तबस्सुम के अब्बू ने कहा मैं बेटी के लिए शौचालय बनवाऊंगा।

बेटियां बाहर सुरक्षित नहीं

  • तबस्सुम के अब्बू इकबाल कहते हैं कि बेटियां बाहर सुरक्षित नहीं, आए दिन घटनाएं होती रहती हैं।
  • बेटी की बात बड़ी लगी तो खुद ही शुरुआत करवा दी, बात हुई तो बात बन गई।
  • ससुराल वाले भी राजी हो गए, एक पढ़ी-लिखी बहू ने सबकी आंखें खोल दीं।
  • दूल्हे के पिता लाल मोहम्मद कहते हैं कि पढ़ी-लिखी बहू की बात लाख टके की थी।
  • हमारी हैसियत नहीं थी कि हम शौचालय बनवा सकते, सो बहू के मायके वालों की मदद से बनवा लिया, लाल मोहम्मद कहते हैं अब बहू भी आ गई और अक्ल भी।
  • बेटी के बाप की यह मिशाल पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
  • लोग शौचालय देखने तो आ ही रहे हैं बल्कि वह भी ऐसा दहेज़ देने के बारे में सोच रहे हैं।
‘कंटेंट एवं तस्वीर साभार- धर्मेंद्र राजपूत (लखीमपुर खीरी)’

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