अपनी मांगों को लेकर विधान भवन का घेराव करने जा रहे माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षकों (vitt vihin teachers) पर पुलिस ने बम्पर लाठीचार्ज कर दिया। माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक नारेबाजी करते हुए विधान भवन का घेराव करने जा रहे थे तभी आर्यन होटल के पास पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया।
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- इससे शिक्षक भड़क गए और बैरिकेडिंग पर चढ़कर प्रदर्शन करने लगे।
- शिक्षकों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया।
- लाठीचार्ज से भगदड़ मच गई और कई शिक्षक चोटिल हो गए।
- घंटो चले बवाल के बाद जिला प्रशासन ने ज्ञापन लेकर प्रदर्शन समाप्त करवाया।
- इस दौरान राजभवन वाले मार्ग पर लंबा जाम लग गया जिसे पुलिस ने बड़ी मुश्किल से दुरुस्त करवाया।
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पुलिस ने महिलाओं से की अभद्रता
- संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उमेश द्विवेदी ने बताया सरकार द्वारा वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय को बंद किए जाने के कारण प्रदेश के समस्त शिक्षकों में भारी दुख एवं आक्रोश व्याप्त हो गया है।
- अपनी मांगे मनवाने के लिए मजबूर होकर आंदोलन की एक रास्ता दिखाई दिया।
- इस कारण आज लाखों वित्तविहीन शिक्षक विधान सभा के समक्ष एकत्रित होकर अपनी पीड़ा बताने के लिए जा रहे थे।
- लेकिन पुलिस ने बर्बर तरीके से लाठीचार्ज कर दिया।
- इसमें कई शिक्षक घायल हो गए इस दौरान पुलिस ने महिला शिक्षकों के साथ काफी अभद्रता भी की।
- उन्होंने बताया कि पुलिस ने महिलाओं के साथ गाली-गलौज भी किया।
- प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि विधानसभा के सामने कई जिलों से हजारों शिक्षक आ रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें जिलों की सीमाओं पर ही रोककर गिरफ्तार कर लिया।
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यह संगठन की मांगे
- वित्तविहीन शिक्षकों की मांग है कि अद्यतन कार्यरत समस्त प्रधानाचार्य शिक्षकों शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सुरक्षा आयुक्त सेवा नियमावली बनाने हुए तत्काल प्रभाव से सम्मानजनक मानदेय की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा किए जाए।
- 7 क (क) जैसी त्रुटि मान्यता की धारा में संशोधन करते हुए इसके अंतर्गत जारी समस्त मान्यताओं को 7(4) में परिवर्तित करते हुए सामान विद्यालयों के समान शिक्षा दे रहे सभी शिक्षकों का वेतन दिया जाए।
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- कई वर्षों से कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण में छूट प्रदान करते हुए मानदेय में सम्मिलित किया जाए।
- वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा शर्तें 10 अगस्त 2001 को संशोधित करते हुए शिक्षकों के साथ-साथ प्रधानाचार्य एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों की सुरक्षा आयुक्त सेवा नियमावली बनाई जाए।
- वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के नाम पर पूर्व अनावश्यक रुप से लगे अंशकालिक शब्द को हटाकर शिक्षक पद नाम से संबोधित किया जाए।
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- सहायक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के साथ सहायक मान्यता प्राप्त विद्यालयों में 5 या उससे अधिक लगातार पढ़ाने वाले शिक्षकों को सहायता प्राप्त विद्यालयों के रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए।
- वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्य शिक्षकों के अनुभव को मान्यता करते हुए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग में सम्मिलित करते हुए वरीयता प्रदान की जाए।
- शिक्षकों को माध्यमिक सेवा चयन में अनुभव का लाभ दिया जा रहा है वित्तविहीन कार्यालय में प्रधानाचार्य शिक्षक शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा बीमा एवं EPF योजना लागू की जाए।
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- परीक्षकों की नियुक्ति में वित्तविहीन शिक्षकों को अनुपातिक स्थान दिया जाए।
- अध्यनरत माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों से ही परीक्षक कार्या लिया जाए।
- सरकार द्वारा नवीन राजकीय विद्यालयों की स्थापना में पूर्ण से स्थापित वित्तविहीन विद्यालयों की
- निकटतम दूरी को संज्ञान में लेते हुए उनके निकट राजकीय मध्य विद्यालय की स्थापना की जाए। शिक्षकों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर विधान भवन प्रदर्शन किया।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.