प्रदेश सरकार की कार्यशैली का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि भोजन रसोइयां कार्यकत्री पिछले 6 वर्षों से अब तक 76 बार धरना प्रदर्शन कर चुकीं हैं। लेकिन उनकी मांगों पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। इस आंदोलन में वह पुलिस की लाठियां तक खा चुकी हैं, परंतु जिम्मेदार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं। इसके चलते उनमें काफी आक्रोश व्याप्त है।

खाना बनाने का जिम्मा लेकिन बच्चे बढ़ाने का दबाव

  • रसोइयां संघ की प्रदेश अध्यक्ष चंदा यादव ने बताया कि यूपी के कई जिलों से सैकड़ों की संख्या में कार्यकत्रियां भरी दोपहरी में लक्षमण मेला मैदान में अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं।
  • लेकिन अधिकारी सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
  • उन्होंने बताया कि एक प्रतिनिधि मंडल सीएम आदित्यनाथ योगी से मिला तो उन्होंने भी मांगे जल्द मानने का आश्वासन दिया है।
  • कार्यकत्रियों का कहना है कि मिड-डे-मील योजना के तहत भोजन बनाने का जिम्मा हम लोगों का है।
  • लेकिन स्कूल प्रशासन बच्चे बढ़ाने का दबाव बना रहे हैं।
  • उन्होंने कहा कि जब सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई का स्तर गिरा हुआ है तो बच्चे कहां से आएंगे।
  • साथ ही बच्चे बढ़ाने का जिम्मा हमारा नहीं है हम लोग केवल खाना बनाने का काम कर सकते हैं। महिलाओं का कहना है कि रसोइयां के रूप में उन्हें केवल 30 रुपये प्रतदिन के हिसाब से दिया जाता है।
  • ऐसी मंहगाई में इतने पैसे में कौन महिला काम करेगी इसलिए वेतन बढ़ाया जाये।
  • उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगे जल्द नहीं मानी गईं तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

यह हैं संगठन की मांगे

  • प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 18 अक्टूबर 2016 को रसोईया संघ को दिए गए आश्वासन तथा बढ़ोतरी के साथ बकाया मानदेय भुगतान किया जाये और हर माह का मानदेय का भुगतान रसोइयों के बैंक खाते में किया जाए।
  • रसोईया का मानदेय भुगतान में अवरोध करने वाले ग्राम प्रधान से खाता अलग करके एकल खाता का संचालन किया जाए।
  • पाल्य की अनिवार्यता समाप्त की जाये।
  • शिक्षकों की तरह ही रसोइयों को भी 12 महीने का वेतन दिया जाये।
  • रसोइयां महिलाओं का मानदेय 8000 रुपये प्रतिमाह किया जाये।
  • रसोइयां की प्रतिवर्ष नियुक्ति प्रथा/नवीनीकरण प्रक्रिया बंद की जाये।
  • इसके अलावा प्राथमिक विद्यालयों एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम होने पर शिक्षक को जिम्मेदार बना कर उनकी सेवा समाप्त की जाए, रसोइयों की सेवा समाप्त ना की जाए।
  • रसोइयां महिलाओं को मातृत्व लाभ, बीमा, अवकाश आदि राज्य कर्मचारियों के तहत दिया जाए।
  • एमडीएम प्रभारी राहुल राय द्वारा गाजीपुर के रसोइयों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे वापस लिए जाएं।

https://youtu.be/fpzg-QZe3Tk

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