पिछले दिनों 22 नंवबर 2016 जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में पाक नियंत्रण सीमा पर यूपी के गाजीपुर जिले के रहने वाले शहीद हुए जवान मनोज कुशवाहा का परिवार आज कल सरकारी उपेक्षा का शिकार है।

  • सरकार की तरफ से मदद के आश्वासन के बावजूद अभी तक शहीद का परिवार सरकारी दफ्तरों में दौड़ रहा है।
  • प्रदेश सरकार की ओर से आर्थिक मदद की रस्म अदायी भले ही कर दी गई हो पर केंद्र और सेना ने इस शहीद के परिवार को अकेला छोड़ दिया है।
  • शहीद की पत्नी, परिवार और बच्चों के भरण पोषण के लिए दफ्तरों में पेंशन की गुहार लगा रही है।
  • तो शहीद के पिता और भाई सरकारी दफ्तरों से लेकर बैंक तक के चक्कर काट रहे हैं।
  • इसका कारण यह कि शहीद परिजनों को मिला चेक बैंक में बाउंस हो गया है।

भटक रहा परिवार

  • ये है गाजीपुर जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर बद्धोपुर जहां शहीद मनोज का परिवार आज संघर्ष में अकेला महसूस कर रहा है।
  • शहीद के भाई ब्रजमोहन और अरूण यह बता रहे हैं कि सेना की तरफ से मदद में मिले तीन चेक में से दो चेक जो छोटी रकम के थे वो तों मिल गए।
  • लेकिन बड़ी रकम जो (1 लाख 88 हजार 520) रूपए का था आज तक नहीं मिला।
  • पेंशन के कागजात तैयार कराने के लिए परिवार के लोग जिला सैनिक कल्याण पुनर्वास केंद्र में विधवा कार्ड, पंजीकरण फार्म के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
  • शहीद मनोज की पत्नी मंजू ने बताया कि परिवार के भरण पोषण में काफी दिक्कत आ रही हैं।
  • हम चाहते है कि जो सरकार वादा की थी वहीं पूरा कर दें।
  • वहीं शहीद के पिता हरिलाल का कहना है कि प्रदेश सरकार ने तो अपना वादा निभा दिया लेकिन भारत सरकार ने गांव में गेट सड़क और परिवार के लिए गैंस एजेंसी का वादा किया था वो भी नहीं किया और जो सेना के द्वारा चेक मिला था, उसका भी पैसा अभी तक नहीं आया।

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यूनियन बैंक में है खाता

  • शहीद के भाई अरूण कुशवाहा ने बताया कि उनका गांव के ही यूनियन बैंक में खाता है।
  • जहां पर पिछले फरवरी में उन्होंने चेक को अपने खाते में लगाया था।
  • लेकिन दो चेक जो छोटे एमाउंट के थे वो तो खाते में आ गए।
  • लेकिन बड़ी रकम जो लगभग पौने दो लाख की थी, वो अभी तक नहीं मिली।
  • इस मामले में ब्रांच मैनेजर यूनियन बैंक देवाशीष सरकार बद्धोपुर ने भी शहीद परिजन की बात की पुष्टी की और उन्होंने कहा कि इस बाबत रिमाइंडर जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा स्टेट बैंक को भेजा जा चुका है। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
  • चेक के बाबत यहीं बात गाजीपुर के जिलाधिकारी संजय खत्री ने भी दोहरायी और उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से जो भी मदद मिलनी थी वो दी जा चुकी है।
  • बाकी जो भी मदद इनके परिवार की होगी हम करेगें।

ग्रामीणों ने भी बयां किया दर्द

  • वहीं गांव में रहने वाले राजेश सिंह, प्रमोद सिंह ने बताया कि शहीद परिवार को जो सम्मान मिलना चाहिए।
  • वो प्रसानिक रूपए से नहीं मिल रहा है शहीद परिवार को प्रसासनिक तौर पर उपेक्षित किया जा रहा है।
  • कागजात दुरूस्त कराने में प्रसासनिक रूप से शहीद परिवारों को जो सहयोग मिलना चहिए तो अधिकारी शहीद परिवार को एक दूसरे के यहां केवल दौड़ा रहे हैं।
  • अगर ऐसे ही अधिकारियों द्वारा शहीद के परिवारों का उपेक्षा करेगा तो इससे युवाओं का मनोबल टूटेगा।
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