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मेरठ के थाना मेडिकल पुलिस ने आज एसपी सिटी अलोक प्रियदर्शी की मौजूदगी में एक खुलासा किया। इसमें पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर लूटे गए ई-रिक्शा के साथ 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इन अभियुक्तों के पास से चार ई-रिक्शा बरामद करने का पुलिस ने दावा किया है। लेकिन इस खुलासे में गिरफ्तार किये गए एक अभियुक्त के परिवार वालों पुलिस पर बेटे को फर्जी फंसाने का आरोप लगाया है।

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यह है पूरा मामला

https://youtu.be/4GDIudJqW0A

  • बता दें कि थाना प्रभारी मेडिकल धर्मेंद्र सिंह ने गुरुवार को पुलिस टीम के साथ लुटेरों के गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।
  • पुलिस ने ई-रिक्शा लूटने के आरोप में जी चार अभियुक्तों को पकड़ा है उनके नाम विपिन, अरुण उर्फ अज्जू, मोहम्मद हसीन और आदिल हैं।
  • पुलिस का दावा है कि यह चारों शातिर किस्म के अपराधी हैं जो ई-रिक्शा बुक करके सूनसान जगह पर ले जाकर लूट की घटना को अंजाम देते थे।
  • इनके कब्जे से एक लूट का ई-रिक्शा बरामद भी हुआ है।
  • पुलिस का कहना है इस गैंग का एक अभियुक्त अभी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है।

यहां आ गया खुलासे में नया मोड़

  • वारदात को अंजाम देते थे इस गैंग के एक अभियुक्त की तलाश है जो फरार है लेकिन इस खुलासे पर भी सवाल उठना शुरू हो गए है।
  • खुलासा करते ही जेसे ही एसपी सिटी निकले तो निर्दोष परिवार ने एसपी के सामने चौकाने वाली बात करते हुए कहा कि एसपी साहब ने आपने गुडवर्क के चक्कर में फर्जी खुलासा कर दिया है।
  • मेरा बेटा अज्जू दसवीं का छात्र है उसे एक मुखबिर के इशारे पर फर्जी फंसा दिया गया है।
  • पीड़ित पिता का आरोप है कि मुख्य आरोपी सहित 2 लोगों को पुलिस ने पैसे लेकर छोड़ दिया।
  • पीड़ित परिवार का कहना है कि हम मजदूर हैं।
  • हमारे पास देने को 50 हज़ार रुपये नहीं थे।
  • पुलिसवालों ने थाने में पैसों की डिमांड की थी।
  • हालाकि पीड़ित परिवार ने एसपी के सामने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाए।
  • इसके बाद एसपी सिटी भी बगले झांकते हुए नजर आये और निष्पक्ष जांच का आश्वाशन देकर वहां से निकल गए।
  • अब सवाल उठता है कि क्या पुलिस कुछ रुपयों के चक्कर में मुख्य आरोपियों को तो छोड़ देती है और निर्दोष लोगों को फंसाकर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करती है।
  • यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी मेरठ पुलिस पर कई फर्ज़ी खुलासे करने का आरोप लग चुका है।

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