यूपी पुलिस के (sub inspector insulted police cap) कारनामें तो आये दिन चर्चा में रहते हैं। लेकिन शरीर पर वर्दी धारण करते ही पुलिस की शान बढ़ जाती है। पुलिस की वर्दी ही उसकी पहचान है। यानी जो वर्दी का न हुआ वो अपने कर्त्‍तव्‍यों को क्‍या समझेगा।

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  • यूपी पुलिस की ये एक तस्‍वीर इस पूरे मामले को समझाने के लिए काफी है।
  • आइए आज हम आपको मिलवाते हैं एक ऐसे पुलिसकर्मी से जो अपनी कैप को जूतों के नीचे रखता है।
  • ‘सत्‍यमेव जयते’ लिखे सरताज को बूट के नीचे रखने वाले इस पुलिसकर्मी को उचित सजा मिलनी ही चाहिए।
  • अब देखना ये होगा कि जिम्मेदार इस दरोगा पर कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं।
  • बता दें कि आज ही एसएसपी दीपक कुमार ने थाना प्रभारी कृष्णानगर अंजनी पांडेय को तीसरा सितारा लगाकर उन्हें प्रमोट किया।
  • लेकिन इसके कुछ घंटे बाद ही एक दरोगा ने शर्मनाक तस्वीर पेश कर दी।

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पुलिस के सम्मान को मुंह चिढ़ा रहा दारोगा

  • दरअसल ये मामला राजधानी लखनऊ के विधानसभा के पास का है।
  • यहां यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाता एक दारोगा ना तो हेलमेट लगाए है और ना ही गाड़ी पर नंबर डलवाये है।
  • तस्वीर में लग रहा है कि दारोगा की एक्टिवा गाड़ी नई है।
  • हो सकता है कि नंबर अभी नहीं मिला होगा।
  • लेकिन इसने ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखा हुआ है।
  • ये चलो कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन सबसे बड़ी बात इन तस्वीरों में ये दिखी कि जिस वर्दी की शान के लिए जवान अपनी जान की बाजी तक लगा देते हैं।

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  • जो पुलिस कैप देख कर सिपाही सैल्यूट मारते हैं।
  • जिस कैप को सिर के ऊपर होना चाहिए, उस कैप को ये दारोगा अपने जूतों के पास रखे हुए पुलिस के सम्मान को मुंह चिढ़ा रहा है।
  • इस मामले में दबी जुबान से पुलिसकर्मियों का कहना था कि पुलिस कैप को स्कूटी की डिग्गी में भी रखा जा सकता था।
  • या तो कैप को लगाया भी जा (sub inspector insulted police cap) सकता था जूतों के पास रखना एक अपमान है।

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