रामलीला में कलाकारों का जादू दर्शकों पर सिर चढ़कर बोल रहा है. दिन-प्रतिदिन रामलीला में दर्शकों की भीड़ से साफ है कि कलाकारों का मंचन यहां किस कद्र प्रभावित कर रहा है. अमेठी जिले के मुसाफिरखाना रामलीला मैदान में चल रही ऐतिहासिक रामलीला का आगाज आरती से हुई. इसके बाद खेवट ने भगवान राम, लक्ष्मण व सीता को नदी पार करवाने का अति सुंदर दृश्य प्रस्तुत किया ।

‘खेवट-प्रेम’ देख भाव-विभोर हुए दर्शक:

पिता के वचन को पूरा करने के लिए भगवान राम जब वन को भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ निकलते हैं तो रास्ते में सरयू नदी पार करनी पड़ती है.

तीन अनजान लोगों को जंगल में आते देख खेवट के अन्य साथी पहले तो प्रभु राम से कई सवाल करते हैं.

परिचय देने के बाद साथी सबसे पहले प्रभु के चरणों में दंडवत प्रमाण करते हैं.

उसके बाद खेवट को श्रीराम के आने की सूचना देते हैं.

अपने प्रभु के आने की सूचना मिलते ही खेवट नंगे पांव जाते हैं.

राम द्वारा नदी पार करवाने का प्रस्ताव रखने पर खेवट सहर्ष प्रभु को नदी पार करवाते हैं।

इन दृश्यों को जीवंत करने में कलाकारों ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

भातृ-प्रेम देख भावुक हुए दर्शक:

इसके बाद प्रभु राम और भरत का भावुक मिलन हुआ अवधपुर वासियों के साथ जब भरत प्रभु श्रीराम से मिलने पहुंचे तो उनका मिलन देख श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए.

भरत-मिलाप में भरत ने श्रीराम से आयोध्या वापस चलने की जिद की, मगर पिता के वचन का वास्ता देकर श्रीराम नहीं मानें.

भ्रात प्रेम की मिसाल कायम करते हुए भरत ने श्रीराम की खड़ाऊं सिर पर रख कर अयोध्या वापसी की और संकल्प लिया कि जब तक प्रभु अयोध्या नहीं आते, खड़ाऊं के आशीर्वाद से ही राज कार्य होंगे.

राम और भरत मिलाप के दृश्य में कलाकारों दमदार अभिनय ने भ्रातृ प्रेम की करुणा से सभी को भाव विभोर कर दिया ।

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