बलिया जिले के दूबेछपरा में रिंग बांध गंगा के पानी के दबाव को नहीं झेल पाया और अंतत: बांध टूट गया. लगातार ग्रामीण कई दिनों से इस बांध को बचाने का प्रयास कर रहे थे. लेकिन प्रशासन की लापरवाही और गंगा के कटान ने बांध तोड़ दिया. बांध टूटने के बाद इलाके में हलचल मच गई.इस बांध के टूटने के कारण अब करीब 15 गाँव बाढ़ में डूब गए हैं.

 

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दूबेछपरा स्थित महाविद्यालय और इंटरमीडिएट कॉलेज भी डूब गया है. समस्त गाँव बाढ़ के पानी में बुरी तरह घिर चुका है.

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50 हजार लोग हुए प्रभावित:

बाँध टूटने के कारण अब दुसरे छोर से पानी ओवर फ्लो होकर नजदीक के प्रसाद छपरा, पाण्डेयपुर, टोला अलम राय, टेंगरहीं और अठगांवा तक को अपनी चपेट में ले चुका है. करीब 50 हजार से ज्यादा लोग इस बाँध के टूटने के कारण प्रभावित हुये हैं.

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गाँव के लोगों को अब भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. चारो तरफ पानी ही पानी है. स्कूल कॉलेज सभी पूरी तरह डूब गए हैं. सड़क से संपर्क बनाने के माध्यम अब केवल नाव हैं. हालाँकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से निपटने के लिए NDRF मौजूद हैं. वहीं NH-31 पर भी पानी के दबाव के कारण यातातात रोक दिया गया था.

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इसके कारण अब भी लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मवेशियों के लिए चारा और मवेशियों के रहने के ठिकाने तबाह हो गए हैं. गाँव की हरिजन बस्ती पूरी तरह डूब गई है.लोग सड़कों पर टीन शेड में रहने को मजबूर हैं. वहीं मल्लाहों की बस्ती भी जलमग्न हो गई है. सभी लोग अपना घर छोड़कर सड़कों पर रहने के लिए आ गए हैं. पानी से डूबे होने के कारण इलेक्ट्रिसिटी भी नही है. जिसके कारण लोगों को अँधेरे में रहना पड़ रहा है.

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