गाँवों में लोगों की सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतज़ाम नहीं हाेते हैं. सुरक्षा के अभाव के चलते यहां किसी भी घटना को आसानी से अंजाम दिया सकता है. न तो काेई गार्ड होता है और न ही शहरों की तरह सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं ।

इसलिए हो रहा है ‘ग्राम सुरक्षा समिति’ का गठन:

जानकारी के अनुसार अब गाँवो में चोरी सहित कई अन्य अप्रिय घटनाओं को रोकने और रात में पहरेदारी के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत में ‘ग्राम सुरक्षा समिति‘ का गठन किया जा रहा है

ग्राम सुरक्षा समिति से सीधा संवाद स्थापित करेगी पुलिस:

सूत्रों ने बताया कि ‘ग्राम सुरक्षा समिति’ की टीम लगभग पाँच सदस्यीय होगी, जिन्हें पुलिस की तरफ से कुछ सुविधाएँ सहित प्रशिक्षण भी मुहैया कराने पर विचार किया जा रहा है.

गाँव का चौकीदार का पूर्ण सहयोग इस कमेटी को मिलेगा और पुलिस ग्राम सुरक्षा समितियों से सीधा संवाद स्थापित करेगी.

यही नहीं सोशल मीडिया के जरिये भी पुलिस समिति के सदस्यों से गांवों की सुरक्षा संबंधी आवश्यक जानकारी से रुबरु होगी ।

समिति के सदस्य जनता का सहयोग के साथ साथ समाज में कानून व्यवस्था बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे ।

इनका कहना है:

समाजिक कार्यकर्ता कृष्णदत्त मिश्र ‘दद्दन’ का कहना है कि ‘ग्राम सुरक्षा समिति‘ का गठन वाकई गाँवो की सुरक्षा-कवच का काम करेगा. ग्राम सुरक्षा समिति’ के सदस्यों द्वारा रात में की जा रही पहरेदारी से ग्रामीण रात में चैन की नींद सो सकेंगे ।

वही दूसरी ओर ग्रामीण शारदा प्रसाद, अंतिमा, सुशील कुमार, दिनेश कुमार शिव बहादुर आदि ने अमेठी पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य और अपर पुलिस अधीक्षक बीसी दुबे के इस निर्णय को लेकर ख़ुशी जताई है ।

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