गांव बचाने को लेकर गाजीपुर जिले के सेमरा गंगा तट पर सेमरा व शिवरायकापुरा गांव के ग्रामीणों की ओर से चलाए जा रहे क्रमिक धरना में 11वें दिन गांव के बच्चों ने पहुंचकर अपनी भागीदारी की। बच्चे नारेबाजी के माध्यम से शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करा रहे थे। पीड़ितों का कहना था कि क्षतिग्रस्त ठोकर की मरम्मत होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

6 वर्षों पूर्व ‘बुढ़वा बाबा’ हो गए थे गंगा में समाहित

कटान का दंश झेल रहे सेमरा व शिवराय का पुरा गांव के ग्रामीण छह वर्ष पूर्व शुरू हुई त्रासदी को याद कर सिहर जा रहे हैं। छह वर्ष पूर्व जब गंगा कटान से कृषि भूमि गंगा में विलीन होने के बाद शिवराय का पुरा मल्लाह बस्ती के पास स्थित काफी पुराना पीपल का पेड़ जब धराशायी हुआ तो गांव के लोगों के आंखों से आंसू निकल गए थे। उस दिन गांव के लोगों ने मान लिया था कि अब उनकी सुरक्षा करने वाला बुढ़वा बाबा उनका साथ छोड़कर चले गए। इसके बाद गांव में जैसे प्रलय शुरू हो गया और देखते ही देखते उस वर्ष करीब 46 परिवार बेघर हो गए।

2013 में 558 परिवार हो गया था तबाह

यह सिलसिला अगले साल भी नहीं थमा और वर्ष 2013 में तो कटान से मकान इस तरह ढह रहे थे जैसे लग रहा था कि ताश के पत्ते हों। उस वर्ष 558 परिवारों का सब कुछ तबाह हो गया। उनके पास पैर रखने तक की जमीन नहीं बची। जो अब भी खानाबदोश की ¨जिंदगी जीने को विवश हैं। उन्हें अब तक राहत के नाम पर आश्वासन के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं हो सका। उस वर्ष की तबाही को देख शासन भी हिल गया था। अगले वर्ष यानि 2014 में प्रदेश की सपा सरकार ने गांव को बचाने के लिए 23 करोड़ रुपये की लागत से 1560 मीटर ठोकर का निर्माण कार्य कराया। ठोकर निर्माण में मानक की अनदेखी से गांव के लोगों के साथ साथ बाहरी लोग भी सशंकित थे कि कहीं यह ठोकर भी बेकार साबित न हो और हुआ भी वही।

2016 में आई बाढ़ को नहीं खेल सकीं ठोकरें

वर्ष 2016 में आई बाढ़ को ठोकर झेल नहीं सका। गंगा की तेज धारा से ठोकर का काफी हिस्सा धारा में समाहित हो गया। वहीं कई लोगों की झोपड़ी आदि भी विलीन हो गई। अब अपने गांव को बचाने के लिए बच्चे समूह में एकत्रित होकर गांव को बचाने व शासन प्रशासन में बैठे प्रतिनिधियों व अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराने संबंधी स्लोगन लिखी तख्तियों को हाथ में लेकर नारेबाजी करते गांव में भ्रमण करते धरना स्थल पर पहुंचे। धरना स्थल पर पहुंचकर बच्चों ने एक स्वर से कहा कि योगी जी हमारे भविष्य की रक्षा कीजिए।

परियोजना की फाइल शासन को भेजा गया

वहीं इस मामले पर जिलाधिकारी के बालाजी ने बताया कि इनकी समस्याओं को देखते हुए SDM मोहंदाबाद और मैं स्वयं इन लोगों से बात कर रहे हैं कटान स्थल का भी निरीक्षण कर लिया है। कटान को रोकने के लिए परियोजना की फाइल शासन को भेजा गया हैं। परियोजना स्वीकृति के अंतिम दौर में चल रही है और स्वीकृत होते ही जल्दी से काम का लगा दिया जाएगा।

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