अमेठी: कहीं वर्षो पहले बिना छत के ही बन गया आवास,तो कहीं आज भी है पक्के घर की आस.

 

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में सर्वाधिक आवास निर्माण कराकर न केवल सबको चौंकाया है,वरन विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कृत भी किया गया।पूर्ववर्ती सरकार से तुलना करें तो यह उपलब्धि निश्चित तौर पर पीठ थपथपाने काबिल है,परंतु सभी गरीबों को छत उपलब्ध कराने की मुहिम में अभी बहुत कुछ करना बाकी है।

आरोप है कि इस योजना में लाभार्थियों के चयन में मनमानी व भ्रष्टाचार के सवाल भी सिर उठाए खड़े हैैं।

सरकारी दावे कुछ भी कहें लेकिन,प्रदेश के जिले में अब भी गरीबों की ऐसी बड़ी संख्या है जिन्हें छत का इंतजार है और जिनके अरमानों पर ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों की जोड़ी ने पानी फेर रखा है।

वही कुछ आवास आज भी अधूरे पड़े है।हमारे संवाददाता ने अमेठी जिले के मुसाफिरखाना विकासखण्ड के गाँवो में जाकर दावों की हकीकत परखी।

मुसाफिरखाना विकास खण्ड अंतर्गत पूरे चन्द्रिका मझगवां गाँव,निवासी रामावती पत्नी स्व राम करन ने बताया कि गाँव के पूर्व ग्राम प्रधान दान बहादुर यादव के कार्यकाल(वर्ष करीब 13-14) में उन्हें सरकारी कालोनी मिली थी,पक्की दीवार तो खड़ी हो गई लेकिन अभी तक छत नहीं पड़ सकी है और वे घास फूस डाल एवं पॉलीथिन डालकर कर गुजारा कर रही है।

और कुछ साल पहले उनके पति रामकरन की मौत हो गई।रामावती के चार छोटे बच्चे है।वही चंद्रावती पत्नी शिवदर्शन पूरे चन्द्रिका मझगवां निवासी ने बताया कि उनका कच्चा घर है और उनके पति मजदूरी करते है दो छोटे बच्चे है,कई वर्षो से आवास की आस लगाए बैठी है। सर्द और बारिश के मौसम में उनके परिवार काफी तकलीफे झेलने पड़ती है।

चंद्रावती ने बताया कि मौजूदा ग्राम प्रधान ने उन्हें आवास देने का आश्वासन दिया है।कृष्णदेव तिवारी पुत्र उमाशंकर तिवारी पूरे चन्द्रिका मझगवां निवासी ने बताया कि उन्हें कई वर्षों बीमारी ने घेर रखा है जिसके चलते वे कर्जदार भी हो गए है उनका परिवार कच्चे घर मे रहता है उन्होंने अधिकारियों से आवास देने को लेकर गुहार लगाई है।

जब इस मामले को लेकर जब मझगवां के ग्राम प्रधान अरमान अली से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में पात्रों को पीएम आवास दिए गए है और अन्य पात्रों के नाम आवास सूची में डलवाया गया है।

वही जब रामावती के आवास में छत न पड़ने को लेकर मझगवां के ग्राम सचिव अनीषा पटेल से बात की गई तो उन्होंने मामले की जानकारी न होने की बात कही.

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