उत्तर प्रदेश में वित्तविहीन शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। प्रदेश की राजधानी सहित कई जिलों में हो रहे प्रदर्शन की आंच बुधवार को हरदोई जिला में देखने को मिली। यहां गवर्नमेंट इंटर कॉलेज (GIC) में वित्तविहीन शिक्षकों ने यूपी बोर्ड इलाहबाद की हाल ही में संपन्न हुई हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने (मूल्यांकन) का विरोध किया। स्कूल परिसर में पहले तो शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इससे भी जब उनका मन नहीं भरा तो नाई बुलवाकर अपना-अपना सिर मुंडवाकर विरोध दर्ज कराया।

ये हैं वित्त विहीन शिक्षकों की मांगें

माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक महासभा हरदोई के बैनर तले शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की। वित्तविहीन शिक्षक/कर्मचारियों के मानदेय को सरकार द्वारा अकारण बंद किए जाने के विरोध में शिक्षकों ने यह प्रदर्शन किया।
➡मूल्यांकन का बहिष्कार करते हुए वित्तविहीन शिक्षकों ने मांग की है कि वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों को कोषागार के समान कार्य समान का वेतन (जब तक यह लागू ना हो तब तक) सम्मानजनक मानदेय सुरक्षा आयुक्त सेवा नियमावली बनाकर दिया जाए।
➡पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए।
➡आदर्श शिक्षकों का विनियमितीकरण कंप्यूटर एवं व्यवसायिक शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण किया जाए।
➡बोर्ड परीक्षा एवं मूल्यांकन के परिस्थिति पारिश्रमिक में वृद्धि करते हुए वर्षों से अवशेष परिश्रमिक तत्काल दिया जाए।
➡उच्चीकृत जूनियर स्कूलों को अनुदान पर लिया जाए।

प्रदर्शन के दौरान एमएलसी प्रदेश अध्यक्ष लखनऊ खंड उमेश द्विवेदी, शिक्षक महासभा के प्रधान महासचिव अशोक राठौर, प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ रेनू मिश्रा, प्रदेश संगठन मंत्री यावर हुसैन, संस्थापक प्रदेश अध्यक्ष प्रधानाचार्य महासभा अशोक दीक्षित, एमएलसी बरेली मुरादाबाद खंड संजय मिश्रा के नेतृत्व में जिला अध्यक्ष बादाम सिंह यादव, जिला महासचिव झब्बूलाल, कोषाध्यक्ष वीपी सिंह, जिला उपाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह, जिला मंत्री अश्विनी शर्मा, जिला सचिव सुधीर कुमार त्रिपाठी सहित भारी संख्या में वित्त विहीन शिक्षकगण मौजूद रहे।

गौरतलब है कि यूपी भर में वित्तविहीन शिक्षकों का प्रदर्शन अपनी मांगों को लेकर लगातार जारी है। शिक्षक आये दिन यूपी बोर्ड कॉपी के मूल्यांकन केंद्र पर तालाबंदी करके प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर तो शिक्षकों ने कॉलेज के सामने ही मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका। शिक्षकों की तालाबंदी के चलते राजधानी सहित कई जिलों के कॉलेज में कॉपियों के मूल्यांकन का काम ठप रहता है। प्रशासन के आला अफसर को इसकी भनक लगती है तो वह मौके पर पहुंचते हैं तो शिक्षकों और अफसरों में जमकर नोक-झोंक होती है।

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