राजधानी लखनऊ के गोमती नगर इलाके में स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचआरएम) घोटाले के अभियुक्त रिटायर पीसीएस अधिकारी (पूर्व सहायक आवास आयुक्त) वीके चौधरी को उनके आवास से शुक्रवार सुबह मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वीके चौधरी गोमती नगर थाने के अंदर गुपचुप बैठे रहे। उनसे काफी पूछा गया लेकिन उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा। काफी कुरेदने पर सिर्फ इतना ही मीडिया से बोले कि जो गिरफ्तार कर ले जा रहे हैं, उनसे ही सब पूछिये। गौरतलब है कि वीके चौधरी (विपिन कुमार चौधरी) एनआरएचएम घोटाले में भी 30 मई, 2012 में गिरफ्तार हुए थे। इस मामले में नौ मुकदमे उनके खिलाफ दर्ज थे। वीके चौधरी पैकफेड के एमडी भी रह चुके हैं।

जानकारी के अनुसार, मेरठ पुलिस शुक्रवार सुबह अचानक वीके चौधरी के गोमतीनगर के विनीतखंड (बी-1/126) स्थित आवास पर पहुंची। पहले अंदर मौजूद गार्ड ने दरवाजा ही नहीं खोला। हालांकि बाद में कई बार कहने पर गेट खुला। फिर वीके चौधरी ड्राइंग रूम में आए। करीब पौन घंटे तक मेरठ के दौराला थाने से आए इंस्पेक्टर अपराध इन्द्रपाल सिंह ने अरेस्ट वारंट दिखाया। फिर 10 मिनट की मोहलत ली। इसके बाद ही पुलिस उन्हें लेकर गोमती नगर थाने पहुंची। यहां से उन्हें कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट ले जाया गया। यह गिरफ्तारी वर्ष 2004 में मेरठ में इन्द्रप्रस्थ सहकारी आवास समिति के कूट रचित दस्तावेज बनाकर भूमाफिया को साठगांठ कर करोड़ों रुपए की जमीन बेच दी थी। इस मामले में मेरठ के पल्लवपुरम थाने में वर्ष 2015 में विजेन्द्र सिंह चौहान ने एफआईआर दर्ज करायी थी।

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