हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद सूबे में निकाय चुनाव संपन्न हुए थे, जिसमें एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत हासिल करते हुए मेयर के 16 पदों में से 14 पर जीत हासिल की थी, वहीँ अन्य दो पदों पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी, हालाँकि, हर बार के चुनाव की तरह ही इस चुनाव में भी विपक्ष ने EVM को अपना निशाना बनाया था, इसी के साथ चुनाव आयोग द्वारा बनायी गयी मतदाता सूची में भी कई गड़बड़ियों की शिकायत जनता द्वारा की गयी थी।

वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी का मामला:

  • उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव 2017 के दौरान सभी चरणों में वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ देखने को मिली थी।
  • जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने मामले की शिकायत पर मंडलायुक्त को जांच के आदेश दिए थे।
  • जांच के बाद सोमवार को मंडलायुक्त ने अपनी रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दी है।
  • गौरतलब है कि, निकाय चुनाव के दौरान कई वोटरों ने यह शिकायत की थी, मतदाता सूची में उनका नाम शामिल नहीं है।
  • और यह शिकायत कुल तीन चरणों में संपन्न हुए चुनाव में प्रायः सभी चरणों में आम जनता द्वारा की गयी।
  • वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के चलते कई मतदाता अपना वोट डालने से वंचित रह गए थे।

राज्य निर्वाचन आयोग ने ख़ारिज की मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट:

  • वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी के मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने मंडलायुक्त को जांच के आदेश दिए थे।
  • जिसके बाद मंडलायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपी थी।
  • लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मंडलायुक्त की रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया है।
  • गौरतलब है कि, मंडलायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में केवल BLO को दोषी बताया था।

17 जनवरी तक फिर सौंपनी होगी रिपोर्ट:

  • मंडलायुक्त द्वारा वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मामले में रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपी गयी थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया था।
  • इसके साथ ही मंडलायुक्त को अब आगामी 17 जनवरी तक एक बार फिर से रिपोर्ट बनाकर देनी होगी।
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