बुन्देलखण्ड के सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए रतलाम से भेजी गई ‘वाटर एक्सप्रेस’ बुधवार शाम से झांसी स्टेशन के यार्ड पर ही खड़ी है। इस ट्रेन को महोबा पहुंचना था, लेकिन जिला प्रशासन ने पानी की जरूरत से इंकार कर दिया है। इस ट्रेन के रोके जाने से अगली ‘वाटर एक्सप्रेस’ के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसे 6 मई को महोबा पहुंचना है।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बयान दिया है कि बुंदेलखंड में ऐसी कोई दशा नही है, जो बाहर से वॉटर ट्रेन के जरिये पानी मंगवाना पड़े।

शिवपाल सिंह यादव ने कानपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि बुंदेलखंड में पानी की कोई समस्या नहीं है। केंद्र सरकार पानी के बहाने राजनीति कर रही है।

महोबा जिला प्रशासन का कहना है:

  • उन्हें ट्रेन के आने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
  • महोबा जिले में पानी की कोई किल्लत नहीं है, जहां पर भी पानी की जरूरत है वहां टैंकरों से पानी पहुँचाया जा रहा है।

झाँसी रेल मंडल के एडीआरएम विनीत सिंह का कहना है:

  • महोबा के डीएम वीरेश्वर सिंह ने पानी की जरूरत से इंकार कर दिया है, जिस वजह से ‘वाटर एक्सप्रेस’ झांसी स्टेशन के यार्ड में ही खड़ी है।
  • महोबा के डीएम का कहना है कि जिले में टैंकरों के जरिये लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी पहुँचाया जा रहा है।
  • फिलहाल महोबा डीएम ने पानी की जरूरत से इंकार कर दिया है, लेकिन बुन्देलखण्ड के किसी भी जिले में पानी की जरूरत पड़ सकती है, इसीलिए इस ट्रेन को झांसी में ही रखा जायेगा।
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